कर चोरी का खुलासा, SIB की दबिश में पकड़ी गई सेलाकुई की नामी कंपनी
- फर्जी खरीद-बिक्री से इनपुट टैक्स क्रेडिट का खेल, मौके पर ही 1.85 करोड़ जमा
देहरादून। उत्तराखंड में फर्जी खरीद और ई-वे बिल के जरिये कर चोरी करने वाली कंपनियों पर राज्य कर (स्टेट जीएसटी) विभाग की एसआइबी (स्पेशल इन्वेस्टिगेशन ब्रांच) ने बड़ी कार्रवाई की है। औद्योगिक क्षेत्र सेलाकुई स्थित एक एसी निर्माता कंपनी पर छापेमारी में विभाग को करोड़ों की कर चोरी के प्रमाण मिले हैं।
कार्रवाई के दौरान कंपनी संचालकों ने अपनी गलती स्वीकार कर ली और तुरंत 1.85 करोड़ रुपये विभाग के खाते में जमा करा दिए।
ऐसे हुआ खुलासा
आयुक्त राज्य कर सोनिका के निर्देश और अपर आयुक्त (मुख्यालय) अनिल सिंह के मार्गदर्शन में विभाग ने कंपनी की रिटर्न्स का गहन विश्लेषण किया। जांच में सामने आया कि कंपनी फर्जी खरीद के ई-वे बिल बनाती थी, लेकिन संबंधित टोल प्लाजा से वाहन का आवागमन दर्ज ही नहीं था।
यही नहीं, कागजों पर बिक्री भी दिखाई जा रही थी जबकि वास्तविक लेन-देन हुआ ही नहीं। उद्देश्य केवल फर्जी तरीके से इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) का लाभ लेना था।
छापेमारी में जुटी बड़ी टीम
संयुक्त आयुक्त (एसआइबी/प्रशासन) अजय कुमार के नेतृत्व में करीब 30 अधिकारियों की टीम ने यह कार्रवाई की। टीम ने कंपनी से जुड़े अहम दस्तावेज और डिजिटल डेटा अपने कब्जे में ले लिया है, जिनका विश्लेषण किया जा रहा है।
विभाग का मानना है कि कर चोरी का आंकड़ा और भी बढ़ सकता है। आगे जांच पूरी होने पर शेष कर वसूली अर्थदंड सहित की जाएगी।
कार्रवाई में शामिल अधिकारी
छापेमारी टीम में उपायुक्त सुरेश कुमार, निखिलेश श्रीवास्तव, योगेश मिश्रा, धर्मेंद्र राज चौहान, विजय कुमार, राज्य कर अधिकारी टीकाराम चन्याल, असद अहमद, यतीश सेमवाल समेत विभाग के 30 अधिकारी शामिल रहे।