स्पेशल क्राइम रिपोर्ट: उत्तराखंड पुलिस और SDRF की तत्परता से बची कई जानें

स्पेशल क्राइम रिपोर्ट: उत्तराखंड पुलिस और SDRF की तत्परता से बची कई जानें

देहरादून। उत्तराखंड में बढ़ती दुर्घटनाओं और अपराधिक घटनाओं के बीच पुलिस और एसडीआरएफ की सतर्कता ने कई लोगों की जानें बचाई। 26 और 27 अगस्त को हुई घटनाओं को लेकर यह स्पेशल क्राइम रिपोर्ट तैयार की गई है।

नैनीताल में बाइक हादसा और त्वरित रेस्क्यू

26 अगस्त की देर रात बलदियाखान में बाइक अनियंत्रित होकर 15 मीटर गहरी खाई में गिर गई। एसडीआरएफ टीम उपनिरीक्षक मनीष भाकुनी के नेतृत्व में तुरंत मौके पर पहुंची और रोप की मदद से विशाल सिंह बिष्ट (30) और शिवराज सिंह बिष्ट (34) को सुरक्षित रेस्क्यू कर रोड हेड तक लाया। दोनों को हल्की चोटें आईं और प्राथमिक उपचार के बाद सुरक्षित किया गया।

रुद्रप्रयाग: 80 मीटर गहरी खाई से महेंद्र लाल को बचाया

चंद्रापुरी क्षेत्र के काकोला नामक स्थान पर 43 वर्षीय महेंद्र लाल खाई में गिर गए। एसडीआरएफ अगस्त्यमुनि टीम इंस्पेक्टर अनिरुद्ध भंडारी के नेतृत्व में रोप और स्ट्रेचर की मदद से रात के अंधेरे में उन्हें सुरक्षित रेस्क्यू कर अस्पताल पहुंचाया गया।

देहरादून: उपद्रवी छात्रों और हॉस्टल/पीजी पर सख्ती

विधौली–प्रेमनगर क्षेत्र में पुलिस ने 12 हॉस्टल/पीजी में आकस्मिक चेकिंग की। लगभग 200 छात्रों को चेतावनी दी गई कि उपद्रवी गतिविधियाँ बर्दाश्त नहीं की जाएँगी। 6 हॉस्टल संचालकों को छात्रों का सत्यापन न कराने पर कुल ₹60,000/- का जुर्माना लगाया गया और सुरक्षा गार्ड नियुक्त करने तथा छात्रों के आने–जाने का रजिस्टर रखने के निर्देश दिए गए।

देहरादून: सड़क हादसा और त्वरित कार्रवाई

27 अगस्त को टोम्स फ़ूड पार्क के सामने स्विफ्ट कार (UK07FF1658) द्वारा स्कूटी और दो पैदल चालकों को टक्कर मार दी गई।

घायल हुए:

  • राजू साहनी, रेखा साहनी और चंद्र जायसवाल
  • चालक कैलाश को हिरासत में लिया गया और घायलों को प्राथमिक उपचार के बाद सुरक्षित किया गया।

खोए बच्चों का सकुशल रेस्क्यू

सिटी बोर्ड स्कूल खुड़बुड़ा के 6 और 4 साल के बच्चे स्कूल से लौटते समय रास्ता भटक गए। पुलिस ने उन्हें लस्याल चौक, इंद्रानगर के पास खोजकर सुरक्षित परिजनों को सुपुर्द किया।

इन घटनाओं में पुलिस और एसडीआरएफ की तत्परता ने न केवल जीवन बचाया बल्कि अपराध और दुर्घटनाओं पर नियंत्रण के प्रति उनके सतर्क दृष्टिकोण को भी उजागर किया। रात के अंधेरे, विषम परिस्थितियों और आकस्मिक घटनाओं में त्वरित रेस्क्यू ने कई परिवारों के चेहरे पर मुस्कान लौटाई।