हाईकोर्ट सख्त। दो हफ्ते में रोकिए गन कल्चर, बचाइए जनप्रतिनिधि, थामिए अवैध खनन
नैनीताल। उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय ने प्रदेश में बढ़ते गन कल्चर, निर्वाचित प्रतिनिधियों की सुरक्षा और अवैध खनन पर कड़ा रुख अपनाते हुए डीजीपी दीपम सेठ और गृह सचिव शैलेश बगौली को दो सप्ताह के भीतर विस्तृत एक्शन प्लान पेश करने के निर्देश दिए हैं।
मुख्य न्यायाधीश जी. नरेंद्र और न्यायमूर्ति सुभाष उपाध्याय की खंडपीठ ने शुक्रवार को यह आदेश दिया और अगली सुनवाई की तारीख 12 सितंबर तय की।
नैनीताल पंचायत चुनाव में सदस्यों के अपहरण संबंधी जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान न्यायालय ने कई गंभीर घटनाओं का उल्लेख किया।
मुख्य न्यायाधीश ने हाल ही में काशीपुर में 9वीं कक्षा के छात्र द्वारा तमंचे से टीचर की हत्या, ऊधमसिंह नगर में प्रत्याशी के रिश्तेदार की हत्या और सब-कॉन्ट्रक्टर की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या जैसे मामलों पर चिंता जताई।
अवैध हथियारों की सप्लाई पर रोक लगाने को कहा गया और निर्देश दिया गया कि तस्करों व फैक्ट्रियों तक पहुंच बनाई जाए। कोर्ट ने स्पष्ट कहा कि यदि लोकल पुलिस नियमित चेकिंग करती तो मासूम छात्र के पास तमंचा नहीं होता।
खनन माफियाओं के आतंक पर भी न्यायालय ने सवाल उठाए। कोर्ट ने कहा कि हथियारबंद गैंग अधिकारियों पर हमला कर रहे हैं और पुलिस सिर्फ बाद की कार्रवाई कर रही है। खनन क्षेत्रों में सीसीटीवी कैमरे, ड्रोन और वाहनों की मॉनिटरिंग जरूरी बताई गई।
डीजीपी दीपम सेठ ने बताया कि पिछले तीन सालों में अवैध तमंचों के खिलाफ 1550 केस दर्ज किए गए, 1700 लोगों से 3000 शस्त्र जब्त हुए और कई लाइसेंस निरस्त करने की संस्तुति दी गई है।
सोशल मीडिया पर हथियारों के साथ वीडियो डालने के मामलों में 73 केस दर्ज कर 12 गिरफ्तारियां हुई हैं। पंचायत चुनाव में गोलीबारी मामले में 9 आरोपी पकड़े गए हैं और सीबीसीआईडी जांच जारी है।
गृह सचिव शैलेश बगौली ने कहा कि कमीशन के नेतृत्व में बनी कमेटी हथियारों की फैक्ट्रियों, दुकानों और वाहनों के स्क्रैप का ऑडिट करती है।
वरिष्ठ अधिवक्ता अवतार सिंह रावत ने न्यायालय के इस कदम की सराहना की और कहा कि नैनीताल घटना ने समाज को झकझोर दिया है।
अब अदालत ने साफ किया है कि 12 सितंबर को होने वाली सुनवाई में डीजीपी और गृह सचिव को ठोस एक्शन प्लान पेश करना ही होगा।