वीडियो: उत्तराखंड में बढ़ता चोरी का ग्राफ। नैनीताल से कुमाऊं तक बेखौफ अपराधी, देखें वीडियो….

उत्तराखंड में बढ़ता चोरी का ग्राफ। नैनीताल से कुमाऊं तक बेखौफ अपराधी, देखें वीडियो….

  • पर्यटन और शांति के लिए मशहूर पहाड़ अब अपराधियों के निशाने पर, लोग बोले- चाहिए सख्त निगरानी और मजबूत गश्त

नैनीताल। चोरी की ताज़ा घटनाओं ने बढ़ाई चिंता
नैनीताल के तल्लीताल क्षेत्र में हाल ही में दो घटनाएं सीसीटीवी में कैद हुईं।

कृष्णापुर इलाके में एक चोर रात के समय घर की खिड़की और दरवाजे की जाली तोड़ने की कोशिश करता दिखा। कैंट क्षेत्र में एक युवक स्कूटी का लॉक खोलने की कोशिश में असफल होकर उसका कवर चुरा ले गया। दोनों घटनाओं ने स्थानीय निवासियों और पर्यटकों में असुरक्षा की भावना पैदा कर दी है।

कुमाऊं में अपराध का बढ़ता ग्राफ

पिछले कुछ महीनों में कुमाऊं मंडल के कई जिलों में चोरी, सेंधमारी और लूटपाट की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं।

  • हल्द्वानी (नैनीताल): जुलाई 2025 में हल्द्वानी रोडवेज बस स्टेशन के पास एक दुकान में सेंधमारी हुई और लाखों रुपये का सामान चोरी हो गया।
  • रामनगर: जून 2025 में जंगल सफारी क्षेत्र के पास पार्किंग से गाड़ियों के पार्ट्स चोरी होने की कई घटनाएं सामने आईं।
  • बागेश्वर: अगस्त 2025 की शुरुआत में कपड़े की एक बड़ी दुकान से चोर कैश और सामान लेकर फरार हो गए।
  • अल्मोड़ा: हाल ही में माल रोड क्षेत्र में लगातार दो रात दुकानों के शटर तोड़े गए।

गढ़वाल क्षेत्र भी अछूता नहीं

  • कुमाऊं ही नहीं, बल्कि गढ़वाल क्षेत्र में भी चोरी का ग्राफ लगातार बढ़ रहा है।
  • देहरादून: पटेल नगर और रायपुर क्षेत्र में लगातार घरों में सेंधमारी की घटनाएं हुईं।
  • ऋषिकेश: तीर्थनगरी में पर्यटकों की गाड़ियों से चोरी की शिकायतें आम हो गई हैं।
  • पौड़ी: गांवों में खाली घरों को चोर अपना निशाना बना रहे हैं।

पुलिस का रवैया और चुनौतियां

पुलिस का कहना है कि लगातार गश्त बढ़ाई जा रही है और सीसीटीवी फुटेज से अपराधियों की पहचान की जा रही है। लेकिन स्थानीय लोगों का आरोप है कि-

  • गश्त केवल मुख्य बाज़ारों तक सीमित है।
  • गांवों और कॉलोनियों में पुलिस की मौजूदगी न के बराबर है।
  • कई बार शिकायत के बाद भी त्वरित कार्रवाई नहीं होती।

विशेषज्ञों की राय

सुरक्षा विशेषज्ञ मानते हैं कि पहाड़ी राज्यों में पुलिस बल की संख्या जनसंख्या और भौगोलिक स्थिति के मुकाबले बहुत कम है। “पर्यटन स्थलों पर सीजन में अस्थाई पुलिस चौकी और अधिक गश्त अनिवार्य होनी चाहिए,” उनका कहना है।

लोगों की राय और मांग

“नैनीताल में अगर अपराधी बेखौफ हैं तो पर्यटक खुद को सुरक्षित कैसे महसूस करेंगे?” – विजय सिंह, व्यापारी

“चोर पकड़े जाते हैं लेकिन जल्द छूट जाते हैं। कड़ी सजा जरूरी है।” – अनीता पांडे, गृहिणी

“ग्रामीण इलाकों में पुलिस की पहुंच बेहद धीमी है, चोरी की घटनाओं से लोग खुद निगरानी तंत्र बनाने पर मजबूर हैं।” – मोहन रौतेला, ग्रामीण निवासी

सुझाव

  • रात्रि गश्त को हर कस्बे और गांव तक फैलाया जाए।
  • पर्यटक स्थलों और संवेदनशील बाजारों में अस्थाई पुलिस चौकियां बनाई जाएं।
  • मोहल्लों में बीट कांस्टेबल की जिम्मेदारी तय की जाए।
  • स्थानीय स्तर पर ‘निगरानी समिति’ बनाई जाए ताकि पुलिस और जनता के बीच बेहतर तालमेल बने।
देखें वीडियो:-

यह तस्वीर बताती है कि उत्तराखंड में शांति और पर्यटन की पहचान अपराध के बढ़ते ग्राफ से धुंधली हो रही है। अगर समय रहते पुलिस और प्रशासन ने सख्त कदम नहीं उठाए तो आने वाले समय में पर्यटन उद्योग पर भी इसका बुरा असर पड़ सकता है।