नैनीताल पंचायत चुनाव अपहरण कांड। हाईकोर्ट सख्त, DGP और गृह सचिव तलब
नैनीताल। नैनीताल जिला पंचायत अध्यक्ष और उपाध्यक्ष चुनाव के दौरान पांच सदस्यों के कथित अपहरण मामले में आज उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने सख्ती दिखाई।
मुख्य न्यायाधीश जे. नरेंद्र और न्यायमूर्ति सुभाष उपाध्याय की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए डीजीपी और गृह सचिव को तलब किया है। अदालत ने साफ कहा कि यह पूरा मामला “सिस्टम फेलियर” को दर्शाता है और भविष्य में ऐसी घटनाएं रोकना जरूरी है।
पुलिस से सवाल-जवाब
सुनवाई के दौरान अदालत ने एसएसपी नैनीताल प्रह्लाद नारायण मीणा से कई तीखे सवाल किए। कोर्ट ने पूछा कि आखिर सुरक्षा इंतजाम क्यों नाकाम हुए?
इस पर एसएसपी ने बताया कि अब तक 14 लोगों की पहचान की जा चुकी है, जिनमें नैनीताल, रामपुर और ऊधमसिंह नगर जिले के लोग शामिल हैं।
वीडियो में दिखे आरोपी नेपाल भाग गए हैं। संदिग्ध कार भी बरामद कर ली गई है और पांचों अपहृत सदस्यों की सीडीआर रिपोर्ट कोर्ट में जमा कर दी जाएगी। उन्होंने कहा कि छह एफआईआर दर्ज कर जांच आगे बढ़ाई जा रही है।
मीडिया को चेतावनी
मुख्य न्यायाधीश ने मीडिया में कोर्ट की कार्यवाही का वीडियो वायरल होने पर नाराज़गी जताई। उन्होंने कहा कि मीडिया को केवल न्यायालय के आदेश प्रकाशित करने चाहिए, अन्यथा कार्यवाही होगी। अदालत ने कहा कि “हम यहां ऐसा कल्चर विकसित नहीं होने देंगे।”
वकीलों की दलीलें
सुनवाई के दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता देवेंद्र पाटनी ने आरोप लगाया कि अपहरणकर्ताओं और पुलिस के बीच सांठगांठ की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। वहीं महाधिवक्ता एस.एन. बाबुलकर ने कहा कि एसएसपी ने पहले ही ऊधमसिंह नगर और नैनीताल बॉर्डर पर चेकिंग के आदेश दिए थे।
अगली सुनवाई
मामले की अगली सुनवाई शुक्रवार को होगी। अदालत ने साफ किया है कि पुलिस कानून-व्यवस्था बनाए रखने में किसी भी तरह की ढिलाई न बरते और दोषियों पर सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करे।