गैरसैंण सत्र में दोहरी व्यवस्था। नेता आलीशान कमरों में, अधिकारी सड़क किनारे बेबस
देहरादून। उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में चल रहे विधानसभा सत्र ने सरकार की “दोहरी व्यवस्था” को उजागर कर दिया है। जहां बड़े अधिकारी और जनप्रतिनिधि आलीशान कक्षों व तमाम सुख-सुविधाओं का लुत्फ उठा रहे हैं, वहीं सचिवालय सेवा संवर्ग के नोडल अधिकारी, जिनमें कई महिलाएं भी शामिल हैं, ठहरने की उचित व्यवस्था तक से वंचित हैं।
अधिकारियों के लिए अव्यवस्था
सचिवालय सेवा संवर्ग के नोडल अधिकारियों को न तो ठहरने की जगह मिली और न ही जरूरी सुविधाएं। कई अधिकारी सड़क किनारे या अपने वाहनों में रात गुजारने को मजबूर हैं।
नेताओं को वीवीआईपी सुविधाएं
पूर्व अध्यक्ष सचिवालय संघ दीपक जोशी ने सवाल उठाया कि आखिर नेताओं और बड़े अफसरों को पाँच सितारा जैसी सुविधाएं क्यों दी जा रही हैं, जबकि सचिवालय के अधिकारी “भेड़-बकरियों” की तरह इधर-उधर भटक रहे हैं।
“शर्मनाक और अमानवीय स्थिति”
जोशी ने इस स्थिति को “शर्मनाक और अमानवीय” बताते हुए कहा कि यह न केवल अधिकारियों की गरिमा के खिलाफ है, बल्कि शासन की संवेदनहीनता को भी उजागर करती है।
शासन से हस्तक्षेप की मांग
उन्होंने मुख्य सचिव, सचिव सचिवालय प्रशासन और सचिव विधानसभा से मांग की है कि इस दोहरे मापदंड पर तुरंत संज्ञान लें और निचले अधिकारियों के लिए भी सम्मानजनक आवास व्यवस्था सुनिश्चित करें।