बिग ब्रेकिंग: उत्तराखंड में मानसून का कहर जारी। तीन जिलों में रेड अलर्ट, जनजीवन प्रभावित, कई जिलों में स्कूल बंद

उत्तराखंड में मानसून का कहर जारी। तीन जिलों में रेड अलर्ट, जनजीवन प्रभावित, कई जिलों में स्कूल बंद

Latest Weather Update: उत्तराखंड में मानसून इस बार पूरे शबाब पर है और भारी बारिश ने राज्य को बेहाल कर रखा है। पिछले 24 घंटों के भीतर प्रदेश के अधिकांश इलाकों में मूसलाधार वर्षा दर्ज हुई है, खासकर देहरादून जिले में बारिश ने पुराने रिकॉर्ड तोड़ दिए। जिले के कई हिस्सों में 200 मिमी से अधिक बारिश हुई, जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।

मौसम विज्ञान केंद्र देहरादून द्वारा जारी अलर्ट

  • रेड अलर्ट (भारी से बहुत भारी बारिश): हरिद्वार, नैनीताल, और उधम सिंह नगर जिलों में जारी।
  • ऑरेंज अलर्ट (भारी से भारी बारिश): देहरादून, टिहरी, पौड़ी, चंपावत, और बागेश्वर जिलों में।
  • येलो अलर्ट (भारी बारिश): पिथौरागढ़, अल्मोड़ा, उत्तरकाशी, चमोली, और रुद्रप्रयाग जिलों में।
  • इन सभी जिलों में आकाशीय बिजली चमकने और तीव्र वर्षा के दौर चलने की संभावना है।

मौसम विभाग के निदेशक ने चेतावनी दी है कि 14 अगस्त तक बारिश का सिलसिला थमने का नाम नहीं लेगा। इस दौरान प्रदेश के कई हिस्सों में अत्यधिक बारिश से भूस्खलन, जलभराव और बाढ़ जैसी आपदाओं का खतरा बना रहेगा।

स्कूलों में आज अवकाश: सुरक्षा पहली प्राथमिकता

मौसम विभाग की चेतावनी को देखते हुए नैनीताल, उधम सिंह नगर, चंपावत, बागेश्वर, रुद्रप्रयाग, पौड़ी, उत्तरकाशी और देहरादून जिलों के कक्षा 1 से 12वीं तक के सभी स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्रों में 12 अगस्त को एक दिवसीय अवकाश घोषित किया गया है। बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया गया है।

बाढ़ का खतरा और सड़कें बंद

तीव्र बारिश के कारण मलबा आने से प्रदेश में चार राष्ट्रीय राजमार्ग सहित 170 से अधिक सड़कें बंद हैं। यह स्थिति जनजीवन और आवागमन के लिए बड़ी चुनौती बनी हुई है। खासकर अल्मोड़ा, बागेश्वर, चमोली, देहरादून, नैनीताल, पौड़ी, पिथौरागढ़, रुद्रप्रयाग, टिहरी और उत्तरकाशी जिलों में यातायात प्रभावित है।

केदारनाथ यात्रा तीन दिनों के लिए स्थगित: सुरक्षा को प्राथमिकता

रुद्रप्रयाग जिला प्रशासन ने भारी बारिश और संभावित आपदाओं को देखते हुए केदारनाथ यात्रा को 12 से 14 अगस्त तक तीन दिनों के लिए स्थगित कर दिया है।

जिलाधिकारी प्रतीक जैन ने कहा कि यात्रियों और स्थानीय लोगों की सुरक्षा सर्वोपरि है। सभी विभाग सतर्क हैं, नदी किनारे रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया जा रहा है, और आपदा प्रबंधन टीम 24 घंटे अलर्ट मोड में है।

प्रशासन की पूरी तैयारी, सतर्कता जरूरी

राष्ट्रीय राजमार्गों के खतरनाक इलाकों में जेसीबी, पोकलैंड मशीनें और आपदा नियंत्रण टीम तैनात हैं ताकि मार्ग अवरुद्ध होने पर तत्काल राहत कार्य शुरू किया जा सके। जिलाधिकारी ने जनता से अपील की है कि वे अनावश्यक बाहर निकलने से बचें, सतर्क रहें और मौसम विभाग तथा प्रशासन द्वारा जारी निर्देशों का कड़ाई से पालन करें।

उत्तराखंड के लोग सावधान रहें, समय-समय पर मौसम अपडेट और प्रशासन की सूचनाओं पर नजर रखें। इस बार की बारिश बेहद गंभीर है, और सुरक्षा को हल्के में लेना भारी पड़ सकता है।