बिग ब्रेकिंग: जली हुई नकदी मामले में फंसे जस्टिस वर्मा, लोकसभा अध्यक्ष ने बनाई जांच समिति

जली हुई नकदी मामले में फंसे जस्टिस वर्मा, लोकसभा अध्यक्ष ने बनाई जांच समिति

नई दिल्ली। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने मंगलवार को इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के खिलाफ लगाए गए आरोपों की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति के गठन की घोषणा की। समिति में न्यायमूर्ति अमित कुमार, न्यायमूर्ति मनिंदर मोहन श्रीवास्तव और बी बी आचार्य शामिल हैं।

लोकसभा अध्यक्ष ने वर्मा के खिलाफ महाभियोग चलाने के लिए 146 सांसदों द्वारा हस्ताक्षरित प्रस्ताव को भी स्वीकार कर लिया है।

यह मामला 14 मार्च को उस समय सुर्खियों में आया था, जब दिल्ली स्थित उनके आधिकारिक आवास में आग लगने के बाद दमकल विभाग को बेहिसाब जली हुई नकदी मिली थी। उस समय वे दिल्ली हाईकोर्ट में न्यायाधीश थे।

सर्वोच्च न्यायालय ने 7 अगस्त 2025 को वर्मा की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने आंतरिक जांच समिति की रिपोर्ट और तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना की महाभियोग की सिफारिश को चुनौती दी थी।

जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने यह भी कहा कि आंतरिक जांच प्रक्रिया को कानूनी मान्यता प्राप्त है और उसके आधार पर महाभियोग की कार्यवाही आगे बढ़ सकती है।