विशेष रिपोर्ट: धराली गांव में 1.5 किमी तक मलबा, 42 लापता, 98 परिवारों को मिली आर्थिक सहायता हर्षिल में बनी कृत्रिम झील चिंता का विषय, रेस्क्यू जारी

धराली गांव में 1.5 किमी तक मलबा, 42 लापता, 98 परिवारों को मिली आर्थिक सहायता

  • हर्षिल में बनी कृत्रिम झील चिंता का विषय, रेस्क्यू जारी

उत्तरकाशी। पांच अगस्त को खीर गंगा में आए सैलाब ने धराली गांव की तस्वीर पूरी तरह बदल दी। मलबे का ढेर करीब 1 से 1.5 किलोमीटर तक पसरा है, जिसमें होटल, घर और जिंदगियां सब दफन हो गईं। छोटी सी नदी का प्रवाह तीन हिस्सों में बंट गया है और भागीरथी नदी का रुख भी बदल चुका है।

धराली बाजार का लगभग पूरा हिस्सा 40 से 50 फीट मलबे के नीचे दबा है। धराली-मुखबा झूला पुल पानी को छूने लगा है और क्षतिग्रस्त होने से संपर्क टूटने का खतरा है। कई इलाकों में धंसाव का जोखिम बरकरार है।

लापता लोगों का आंकड़ा बढ़ा

एक हफ्ते बाद प्रशासन ने 42 लोगों के लापता होने की पुष्टि की है, जबकि प्रारंभिक अनुमान 15 का था। इसमें सेना के 9 जवान, धराली के 8, आसपास गांवों के 5, टिहरी के 1, बिहार के 13, यूपी के 6 और नेपाल के 29 मजदूर शामिल हैं।

नेपाल के 5 मजदूरों से संपर्क हो चुका है, बाकी 24 का पता नहीं चल सका है। स्थानीय पुलिस हेल्प डेस्क की सूची में 73 लापता लोगों के नाम दर्ज हैं, जिनमें बच्चे और नाबालिग भी शामिल हैं।

98 प्रभावित परिवारों को सहायता

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की घोषणा के बाद 98 प्रभावित परिवारों को 5-5 लाख रुपये की सहायता राशि दी गई।

जिलाधिकारी प्रशांत आर्य और गंगोत्री विधायक सुरेश चौहान ने राहत शिविरों में जाकर चेक वितरित किए और प्रभावितों के साथ भोजन किया। प्रशासन ने रहने, खाने और चिकित्सा की पूरी व्यवस्था का आश्वासन दिया है।

हर्षिल में बनी कृत्रिम झील चिंता का विषय

तेलगाड से आए मलबे के कारण भागीरथी नदी में कृत्रिम झील बन गई है। सिंचाई विभाग और यूजेवीएनएल की टीम हेलिकॉप्टर से मौके पर जाकर मैनुअल तरीके से पानी की निकासी का प्रयास करेगी। झील का पानी गंगोत्री हाईवे पर 500 मीटर तक बह रहा है, जिससे सड़क क्षतिग्रस्त हो गई है।

रेस्क्यू जारी

सेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें लगातार मलबा हटाने और लापता लोगों की तलाश में जुटी हैं। हालांकि, भू-धंसाव और नदी के बदले प्रवाह से रेस्क्यू कार्य चुनौतीपूर्ण बना हुआ है।