विशेष रिपोर्ट/धराली आपदा: बचाव के दूसरे चरण में तेज़ी, अब तक 1273 लोगों का रेस्क्यू, झील बनी नई चिंता

धराली आपदा: बचाव के दूसरे चरण में तेज़ी, अब तक 1273 लोगों का रेस्क्यू, झील बनी नई चिंता

उत्तरकाशी। धराली और हर्षिल क्षेत्र में पांच अगस्त को आई आपदा के बाद बचाव कार्य अब दूसरे चरण में प्रवेश कर गया है। अब तक 1273 लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है, जबकि लापता लोगों की तलाश जारी है। आईजी एसडीआरएफ अरुण मोहन जोशी को इंसीडेंट कमांडर और कमांडेंट अर्पण यदुवंशी को डिप्टी कमांडर बनाया गया है।

झील से बढ़ा खतरा

तेलगाड से आए मलबे के कारण भागीरथी नदी में बनी कृत्रिम झील चिंता का विषय बनी हुई है। पोकलेन मशीन से पानी की निकासी की योजना बनी थी, लेकिन समय लगने के कारण सिंचाई विभाग अब मैनुअल तरीके से जल निकासी की तैयारी कर रहा है।

तकनीक के साथ सर्च ऑपरेशन

DGP दीपम सेठ ने ड्रोन, थर्मल इमेजिंग कैमरे, डॉग स्क्वाड और अन्य तकनीकों का इस्तेमाल कर सर्च अभियान तेज करने के निर्देश दिए हैं। घटनास्थल को सेक्टरों में बांटकर टीमें तैनात की गई हैं।

मानवीय पीड़ा

बिहार के आनंद शर्मा ने आपदा में अपने फूफा और दो भाइयों को खो दिया। उन्होंने बताया कि खीरगंगा का उफान सब कुछ बहा ले गया, सिर्फ वे और उनके चाचा बच पाए।

बिजली और सड़क बहाली

पांच दिन बाद UPCL ने धराली में बिजली बहाल की। चिनूक और अन्य हेलिकॉप्टरों से उपकरण व कर्मी एयरलिफ्ट कर काम पूरा किया गया। जल्द बैली ब्रिज बनाकर सड़क कनेक्टिविटी बहाल करने की योजना है।

भविष्य का खतरा

विशेषज्ञों के मुताबिक तेलगाड और खीरगंगा के मुहानों पर जमा मलबा भविष्य में फिर से आपदा का कारण बन सकता है। भू-वैज्ञानिकों की टीम एक सप्ताह में कारणों की रिपोर्ट देगी।