अवैध नियुक्तियों के मामले में हाईकोर्ट सख्त, 1 सितंबर को अगली सुनवाई
नैनीताल। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने विधानसभा सचिवालय में कथित अवैध नियुक्तियों से जुड़े मामले पर दायर जनहित याचिकाओं की सुनवाई करते हुए अगली सुनवाई की तारीख 1 सितंबर 2025 तय की है। मुख्य न्यायाधीश जी. नरेंद्र और न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ ने सभी पक्षकारों को तब तक अपना जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।
याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि पूर्व में कई आदेश दिए जाने के बावजूद अब तक मामले की जांच पूरी नहीं हो पाई है, जबकि इससे संबंधित कई अन्य याचिकाएं भी हाईकोर्ट में लंबित हैं। इसलिए मामले की शीघ्र सुनवाई जरूरी है।
यह जनहित याचिका देहरादून निवासी अभिनव थापर ने दायर की है, जिसमें विधानसभा सचिवालय में बैकडोर भर्ती, भ्रष्टाचार और अनियमितताओं को चुनौती दी गई है। याचिका में कहा गया है कि विधानसभा ने जांच समिति बनाकर 2016 के बाद की नियुक्तियां तो रद्द कर दीं, लेकिन उससे पहले की भर्तियों को निरस्त नहीं किया गया, जबकि यह घोटाला वर्ष 2000 में राज्य गठन से ही जारी है।
याचिकाकर्ता ने कोर्ट से आग्रह किया है कि विधानसभा भर्ती घोटाले में शामिल ताकतवर लोगों के खिलाफ हाईकोर्ट के सिटिंग जज की निगरानी में जांच कराई जाए, अवैध रूप से हासिल की गई नौकरियों और सरकारी धन की वसूली की जाए तथा दोषियों पर कार्रवाई हो।
याचिका में 6 फरवरी 2003 के शासनादेश का भी उल्लेख है, जिसमें तदर्थ नियुक्तियों पर रोक के प्रावधान के बावजूद नियुक्तियां हुईं। यह संविधान के अनुच्छेद 14, 16 और 187, यूपी विधानसभा की 1974 की सेवा नियमावली और उत्तराखंड विधानसभा की 2011 की नियमावली का उल्लंघन है।