उत्तराखंड में मानसून बना कहर। पहाड़ से मैदान तक तबाही का मंजर, पौड़ी में दो बहनों की मौत
पौड़ी। उत्तराखंड इन दिनों मानसून की भीषण आपदा से जूझ रहा है। पहाड़ से लेकर मैदान तक प्रकृति का रौद्र रूप जनजीवन को पूरी तरह से अस्त-व्यस्त कर रहा है।
उत्तरकाशी, टिहरी, चमोली और रुद्रप्रयाग जैसे पर्वतीय जनपद भारी बारिश और भूस्खलन से बेहाल हैं, वहीं देहरादून, हरिद्वार और ऊधमसिंहनगर में जलभराव से बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं।
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उत्तरकाशी: धराली में आपदा के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन तेज
उत्तरकाशी जिले के धराली क्षेत्र में हालात बेहद गंभीर बने हुए हैं। यहां बीते दिनों अचानक आई आपदा के बाद कई लोग लापता हैं। सेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें दिन-रात रेस्क्यू में लगी हुई हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी स्वयं हेलीकॉप्टर से ग्राउंड जीरो पर पहुंच चुके हैं और हालात की समीक्षा करते हुए त्वरित राहत व बचाव कार्यों के निर्देश दिए हैं।
पौड़ी: एक ही परिवार पर टूटा कुदरत का कहर, दो बहनों की मौत
उत्तरकाशी के बाद अब पौड़ी जिले में कुदरत ने कहर बरपाया है। बुधवार को हुई भीषण बारिश के चलते थलीसैंण और पाबौ ब्लॉक में जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ।
थलीसैंण ब्लॉक – बांकुड़ा गांव में मलबे में दबे पांच लोग लापता
यहां निर्माण कार्य में लगे नेपाली मूल के मजदूरों के टेंट पर अचानक भारी मलबा आ गिरा। हादसे में पांच लोग लापता हैं, जबकि छह घायल मजदूरों को सुरक्षित निकाला गया, जिनमें दो की हालत गंभीर बताई जा रही है।
लापता मजदूर
- नरेंद्र बहादुर खटका (40 वर्ष)
- संध्या खटका (35 वर्ष)
- रोमन खटका (18 माह)
- अमृता परिहार (21 वर्ष)
- विमल (21 वर्ष)
घायल
- उदय गुरु, गोपाल थापा, कालीराम बहादुर, लक्ष्मी देवी सहित दो अन्य
पाबौ ब्लॉक – बुरांसी गांव में दो सगी बहनों की मौत
बुरांसी गांव में एक रिहायशी घर की रसोई के पीछे से आए मलबे ने दीवार ढहा दी। हादसे में चाय पी रहीं दो बहनों की मौके पर ही मौत हो गई। मृतकाओं में एक, वरिष्ठ पत्रकार सोबन सिंह गुसाईं की सास विमला देवी थीं।
मृतक
- विमला देवी (58 वर्ष)
- आशा देवी (55 वर्ष)
ग्रामीणों ने बचाव की कोशिश की लेकिन संसाधनों की कमी के चलते वे उन्हें नहीं बचा सके। गांव में कई पशुओं की गोशालाएं भी मलबे में दब गईं, जबकि एक मकान पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया।
कलगड़ी पुल बहा, संपर्क पूरी तरह टूटा
बुआखाल-रामनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित कलगड़ी पुल के बह जाने से पौड़ी और पाबौ का थलीसैंण, पैठाणी व तिरपालीसैंण क्षेत्रों से संपर्क टूट गया है। जिले के अनेक मोटर मार्ग अवरुद्ध हो गए हैं, जिससे राहत और बचाव कार्यों में भी दिक्कतें आ रही हैं।
जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया मौके पर सक्रिय
पौड़ी की डीएम स्वाति एस भदौरिया सुबह से ही आपदा नियंत्रण कक्ष से हालात की निगरानी कर रही हैं और दोपहर को स्वयं प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण करने पहुंचीं। एसडीएम थलीसैंण श्रेष्ठ गुनसोला के नेतृत्व में बांकुड़ा में रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है।
मैदानी क्षेत्र भी बेहाल: देहरादून में टूटा 74 साल का बारिश रिकॉर्ड
देहरादून में बीते दो दिनों से जारी मूसलाधार बारिश ने 74 वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। रिस्पना और बिंदाल नदियों के उफान से शहर के कई इलाके जलमग्न हैं। मलदेवता क्षेत्र में भारी मलबा सड़कों पर फैल गया है। नगर निगम और प्रशासन की टीमें राहत कार्यों में लगी हैं।
मौसम की चुनौती और मानवीय संवेदनशीलता की परीक्षा
उत्तराखंड की भौगोलिक संवेदनशीलता और बदलते मौसमीय पैटर्न के बीच इस तरह की आपदाएं अब आम होती जा रही हैं। लेकिन हर बार जान-माल की क्षति एक बड़ी चेतावनी छोड़ जाती है कि राज्य को आपदा प्रबंधन में और सशक्त बनाना होगा। इन हालात में प्रशासन की तत्परता सराहनीय है, लेकिन दूरस्थ क्षेत्रों में संसाधनों की कमी फिर से सामने आई है।