उत्तराखंड में तेज मानसूनी रफ्तार। कई जिलों में स्कूल बंद, धराली में बादल फटने से भारी तबाही
देहरादून। उत्तराखंड में पिछले तीन दिनों से मानसून पूरी तरह सक्रिय है। पहाड़ से लेकर मैदानी इलाकों तक मूसलाधार बारिश का दौर जारी है। मौसम विभाग द्वारा जारी ताज़ा पूर्वानुमान के मुताबिक, 06 अगस्त को राज्य के 11 जिलों में भारी से अत्यंत भारी बारिश की चेतावनी के चलते सभी स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों में एक दिन का अवकाश घोषित किया गया है।
रिकॉर्ड तोड़ वर्षा:
कई इलाकों में 150 मिमी से अधिक बारिश। पिछले 24 घंटों के भीतर प्रदेश के कई इलाकों में रिकॉर्डतोड़ वर्षा दर्ज की गई है।
- मालदेवता में सर्वाधिक 174 मिमी बारिश,
- बाजपुर में 166 मिमी,
- नरेंद्रनगर में 148.5 मिमी,
- गणाई गंगोली में 147 मिमी,
- सुल्तानपुर पट्टी में 144.5 मिमी,
- कांडा में 141 मिमी,
- ताकुला में 138 मिमी,
- जसपुर में 127 मिमी,
- बागेश्वर में 120 मिमी,
- यमकेश्वर में 119 मिमी,
- सहस्त्रधारा में 116 मिमी बारिश दर्ज की गई।
प्रदेशभर में सुबह से ही रुक-रुक कर तेज बारिश का सिलसिला जारी है।
मौसम विभाग का अलर्ट: 11 जिले ऑरेंज जोन में
मौसम विज्ञान केंद्र, देहरादून के प्रभारी निदेशक रोहित थपलियाल ने बताया कि 10 अगस्त तक राज्य में मानसून की सक्रियता बनी रहने की संभावना है।
06 अगस्त के लिए ऑरेंज अलर्ट वाले जिले
- देहरादून
- चमोली
- नैनीताल
- पिथौरागढ़
- बागेश्वर
- उत्तरकाशी
- चंपावत
- अल्मोड़ा
- टिहरी
- हरिद्वार
- उधम सिंह नगर
येलो अलर्ट वाले जिले:
- पौड़ी गढ़वाल
- रुद्रप्रयाग
इन जिलों में स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्र बंद
भारी बारिश के अलर्ट को देखते हुए उत्तराखंड सरकार ने 11 जिलों में कक्षा 1 से 12 तक के सभी विद्यालयों और आंगनबाड़ी केंद्रों को 06 अगस्त (बुधवार) के लिए बंद रखने के आदेश दिए हैं। यह कदम बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है।
उत्तरकाशी के धराली में बादल फटा, कई लोग लापता
- उत्तरकाशी जिले के धराली गांव में मंगलवार दोपहर बादल फटने से भारी तबाही मच गई।
- खीरगंगा क्षेत्र में बाढ़ आने से कई होटल और घर मलबे में दब गए।
- कई लोग अब भी लापता बताए जा रहे हैं।
- मौके पर भारतीय सेना, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और पुलिस की टीमें राहत एवं बचाव कार्य में जुटी हैं।
उत्तराखंड में मानसून इस समय अपने चरम पर है। एक ओर जहां भारी बारिश जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर रही है, वहीं भूस्खलन और बादल फटने जैसी आपदाओं का खतरा भी बढ़ गया है। राज्य सरकार और आपदा प्रबंधन एजेंसियां पूरी तरह से सतर्क हैं, लेकिन लोगों से भी सतर्कता बरतने की अपील की जा रही है।