ऑडियो: पुलिस अफसर से ब्लैकमेलिंग का मामला फिर सुर्खियों में, ऑडियो क्लिप से सनसनी, सुनिए….

पुलिस अफसर से ब्लैकमेलिंग का मामला फिर सुर्खियों में, ऑडियो क्लिप से सनसनी, सुनिए….

रिपोर्ट- अमित भट्ट

देहरादून में एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी से जुड़ा ब्लैकमेलिंग प्रकरण एक बार फिर गरमा गया है। सोशल मीडिया और स्थानीय चैनलों पर एक ऑडियो क्लिप वायरल हो रही है, जिसमें एक महिला किसी व्यक्ति से छह लाख रुपये की मांग करते हुए सुनाई दे रही है।

सुनिए ऑडियो:-

महिला का दावा है कि उसे हर पांच साल में इतनी ही रकम चाहिए। इस ऑडियो को सीओ नीरज सेमवाल और उनकी पत्नी निहारिका सेमवाल से जुड़ी ब्लैकमेलिंग की पुरानी घटना से जोड़कर देखा जा रहा है।

ब्लैकमेलिंग की पुष्टि करती प्रतीत हो रही है ऑडियो क्लिप

सूत्रों के अनुसार, यह महिला पुलिस विभाग की ही कर्मचारी है, और अप्रैल–मई 2025 के बीच इसी प्रकरण में गिरफ्तार की जा चुकी है। वर्तमान में वह जमानत पर रिहा है। ऑडियो में स्पष्ट रूप से पैसों की मांग और धमकी देने का लहजा सामने आ रहा है, हालांकि पुलिस विभाग ने अभी तक ऑडियो की आधिकारिक पुष्टि नहीं की है।

इस पूरे मामले की शुरुआत उस समय हुई जब सीओ नीरज सेमवाल की शादी निहारिका से हुई। उसके बाद महिला ने यह कहते हुए धमकी दी कि यदि उसे पैसे नहीं दिए गए तो वह निहारिका को “सच” बता देगी। महिला ने सीओ पर शारीरिक शोषण के आरोप लगाए थे, लेकिन उनकी पुष्टि किसी जांच में नहीं हुई।

पत्नी ने दर्ज कराई थी ब्लैकमेलिंग की शिकायत

नीरज सेमवाल की पत्नी निहारिका ने ही इस पूरे प्रकरण में सामने आकर ब्लैकमेलिंग की शिकायत दर्ज कराई थी। उसी आधार पर महिला को गिरफ्तार किया गया था। अब जो ऑडियो सामने आया है, वह सीओ दंपती के आरोपों को बल देता प्रतीत हो रहा है।

हालांकि समाचार पोर्टल brightpost.in और अन्य मीडिया संस्थान अभी इस ऑडियो की सत्यता की पुष्टि नहीं करते, लेकिन मामला गंभीर है और पुलिस विभाग के भीतर की व्यवस्था पर सवाल खड़े करता है।

इच्छा मृत्यु की मांग कर राष्ट्रपति को लिखा पत्र

आरोपी महिला ने अब राष्ट्रपति को पत्र लिखकर अपने और अपने बेटे के लिए इच्छा मृत्यु की मांग की है। उसका आरोप है कि उसे झूठे केस में फंसाकर जेल भेजा गया, और अब जेल से बाहर आने के बाद भी उसे मानसिक व सामाजिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है। महिला का कहना है कि यदि उसे न्याय नहीं मिल सकता, तो उसे सम्मानपूर्वक मरने की इजाज़त दी जाए।

प्रशासनिक प्रणाली पर सवाल

यह प्रकरण केवल एक आपसी विवाद नहीं बल्कि पुलिस विभाग की आंतरिक कार्यप्रणाली, महिला अधिकारों और न्यायिक प्रक्रिया को लेकर भी कई सवाल खड़े करता है।

यदि आरोप सही हैं, तो यह पुलिस विभाग की गंभीर विफलता है। और यदि आरोप झूठे हैं, तो किसी अधिकारी और उसके परिवार को बदनाम करने की साजिश का खुलासा होना चाहिए।