भाजपा की आपसी फूट ने कांग्रेस की झोली में डाली ब्लॉक प्रमुख की कुर्सी
रिपोर्ट- गिरीश चंदोला
थराली। त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों के शांतिपूर्ण सम्पन्न होने के बाद अब ब्लॉक प्रमुखों के चुनाव ने राज्य की राजनीति में हलचल मचा दी है। खासकर चमोली जनपद के थराली विकासखंड की बात करें, तो यहां भाजपा में गहराई तक फैली आपसी फूट और जातीय खेमेबंदी ने पार्टी की स्थिति को डगमगा दिया है।
ब्लॉक प्रमुख का पद सत्ताधारी भाजपा के लिए जहां प्रतिष्ठा का विषय बनता जा रहा है, वहीं कांग्रेस इस सियासी मौके का भरपूर लाभ उठाने को तैयार बैठी है।
स्थानीय स्तर पर भाजपा के भीतर आपसी सहमति का अभाव और गुटबाजी इस कदर हावी हो चुकी है कि कांग्रेस को अप्रत्याशित समर्थन मिलता दिख रहा है। बताया जा रहा है कि एक-दो निर्दलीय और नाराज़ भाजपा समर्थक प्रतिनिधि भी कांग्रेस खेमे में झुकाव रखते हैं, जिससे ब्लॉक प्रमुख का पद लगभग कांग्रेस की झोली में चला गया है।
यह स्थिति भाजपा के लिए इसलिए और अधिक असहज है क्योंकि खुद प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट इसी क्षेत्र से आते हैं। हाल ही में दूसरी बार प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद उनसे अपेक्षा थी कि वे अपने गृह जनपद में संगठन को एकजुट रखेंगे और त्रिस्तरीय सत्ता संरचना पर पार्टी की पकड़ मजबूत बनाएंगे।
मगर थराली में जिस प्रकार पार्टी भीतर से दरकती नज़र आ रही है, वह न केवल नेतृत्व पर प्रश्नचिन्ह लगाता है बल्कि आगामी चुनावों में इसकी गंभीर राजनीतिक कीमत भी चुकानी पड़ सकती है।
जातिगत समीकरण, स्थानिक महत्वाकांक्षाएं, और कुर्सी की दौड़ में पार्टी अनुशासन का टूटना ये सभी कारक भाजपा को थराली जैसे ब्लॉकों में पीछे धकेल रहे हैं। यदि यही स्थिति रही, तो चमोली जैसे संवेदनशील जनपद में भाजपा के लिए जमीनी संगठन बनाए रखना और भी कठिन हो जाएगा।