दून में पीपीपी अस्पतालों की कलई खुली, डॉक्टर नदारद, सफाई बदतर। अस्पतालों को देखकर भड़के डीएम
- डीएम सविन बंसल के औचक निरीक्षण में उजागर हुईं स्वास्थ्य तंत्र की खामियां
देहरादून। राजधानी देहरादून में सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) मोड पर संचालित अर्बन पीएचसी की हालत बेहद चिंताजनक पाई गई।
जिलाधिकारी सविन बंसल के नेतृत्व में जिले भर में 12 शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर छापेमारी की गई, जिसमें स्वास्थ्य सेवाओं की गंभीर अनियमितताएं सामने आईं।
डॉक्टर, नर्स और एएनएम तक मौजूद नहीं थे। दवाइयों की उपलब्धता अधूरी मिली। कई केंद्रों में सफाई और उपकरणों की स्थिति दयनीय रही। इससे क्षुब्ध डीएम ने जुर्माना लगाने के साथ ही कम्पनी का अनुबंध निरस्त करने की संस्तुति मुख्य सचिव को भेजने की बात कही है।
जिला स्तर पर बड़ी कार्रवाई
डीएम सविन बंसल, सीडीओ अभिनव शाह, एसडीएम समेत अन्य अधिकारियों की अलग-अलग टीमों ने जाखन, गांधीग्राम, चूना भट्टा, अधोईवाला और कारगी सहित 12 पीएचसी में जांच की।
प्रमुख लापरवाहियां
- डॉक्टर, लैब टेक्नीशियन, अस्पताल प्रबंधक तक गायब
- टीकाकरण व आपात सेवाओं का रिकॉर्ड तक मौजूद नहीं
- दवाएं, उपकरण, डीप फ्रीजर व जनरेटर अनुपलब्ध
- मेडिकल स्टाफ को ऑक्सीजन कंसंट्रेटर चलाना तक नहीं आता
- बायोमेडिकल वेस्ट को सामान्य कचरे के साथ फेंका जा रहा
तीन महीने की हाजिरी रिकॉर्ड मांगी
जिलाधिकारी ने सीएमओ को निर्देशित किया कि जिन पीएचसी में स्टाफ नदारद मिला, उनकी पिछले तीन महीने की बायोमेट्रिक उपस्थिति रिपोर्ट प्रस्तुत करें। कई जगहों पर मरीजों व तीमारदारों के बैठने की व्यवस्था तक नहीं थी, जो एमओयू के स्पष्ट उल्लंघन का मामला बनता है।
जनता की लगातार शिकायतों पर हुई कार्रवाई
लंबे समय से मिल रही शिकायतों के आधार पर प्रशासन ने यह व्यापक कार्रवाई की है। आरोप हैं कि इन पीएचसी में बाहर से दवाएं लिखी जा रही थीं, जरूरी जांचें नहीं हो रही थीं और स्टाफ नाममात्र का था। डीएम ने कहा कि इस तरह की घोर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।