नैनीताल में 11वीं की छात्रा और युवक के मामले ने पकड़ा सांप्रदायिक रंग, कोतवाली में तनावपूर्ण माहौल
उत्तराखंड के नैनीताल में एक 11वीं की छात्रा और 30 वर्षीय युवक के बीच कथित संबंधों को लेकर कोतवाली परिसर में तनावपूर्ण स्थिति उत्पन्न हो गई। मामला सांप्रदायिक रूप लेता दिखा जब एक पक्ष के व्यक्ति ने धमकी भरे शब्दों का प्रयोग किया, जिससे माहौल और अधिक बिगड़ गया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, नैनीताल के एक प्रतिष्ठित स्कूल में पढ़ने वाली 11वीं की हिंदू छात्रा की दोस्ती एक 30 वर्षीय मुस्लिम युवक से हो गई थी।
इस रिश्ते की जानकारी मिलने के बाद परिजन बच्ची को मल्लीताल कोतवाली लेकर पहुंचे। वहीं मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए पुलिस ने छात्रा की काउंसलिंग की और सुरक्षा सुनिश्चित करने की प्रक्रिया शुरू की।
इसी दौरान मस्जिद से निकलकर शोएब नामक व्यक्ति कोतवाली पहुंचा और कथित रूप से कोतवाल के सामने “इस बार हिंदुओं को देख लेंगे” जैसी धमकी दी, जिससे माहौल और अधिक अशांत हो गया।
मौजूद लोगों ने यह बयान भड़काऊ और उकसाने वाला बताया। इसके विरोध में हिंदूवादी संगठनों ने कोतवाली में तहरीर देकर उक्त व्यक्ति के खिलाफ कार्यवाही की मांग की।
घटना के बाद कोतवाली के बाहर हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं ने देर रात तक प्रदर्शन किया और ‘जय श्री राम’ के नारे लगाए। पुलिस ने स्थिति को संभालने के लिए अतिरिक्त बल तैनात कर दिया और मामले को शांति से सुलझाने का प्रयास किया।
प्रशासन की चुनौतियाँ और कानून-व्यवस्था पर दबाव
इस घटनाक्रम से नैनीताल जैसे शांत पहाड़ी शहर में कानून-व्यवस्था की चुनौती बढ़ गई है। यह मामला केवल एक पारिवारिक विवाद तक सीमित नहीं रहा, बल्कि उसमें धार्मिक तनाव की संभावनाएं उभर आई हैं। पुलिस प्रशासन फिलहाल मामले की तह तक जाकर सभी पक्षों की भूमिका की जांच कर रहा है।
सवालों के घेरे में प्रशासन और समाज की जिम्मेदारी
यह घटना सवाल खड़े करती है, क्या परिपक्व उम्र के लोगों और नाबालिगों के बीच रिश्तों को सामाजिक और कानूनी संवेदनशीलता से हैंडल किया जा रहा है? क्या धार्मिक ध्रुवीकरण के बजाय ऐसे मामलों में मानसिक स्वास्थ्य, सामाजिक शिक्षा और कानूनी प्रक्रिया को प्राथमिकता नहीं दी जानी चाहिए?