नैनीझील में अधखाई मछलियाँ। मंगुरा मछली का हमला या प्रकृति का चक्र?
नैनीताल। उत्तराखंड की शान कही जाने वाली नैनीझील इन दिनों एक रहस्यमयी संकट से जूझ रही है। झील में बड़ी संख्या में मछलियों के अधखाए शव मिलने से न सिर्फ स्थानीय लोग हैरान हैं, बल्कि पर्यटकों के बीच भी दहशत और आशंकाओं का माहौल है।
झील के किनारे कई जगहों पर फैली दुर्गंध और सड़ती मछलियों के दृश्य न सिर्फ दृश्य प्रदूषण का कारण बने हैं, बल्कि इससे झील की जैव विविधता और पर्यटन छवि पर भी सवाल खड़े हो गए हैं।
स्थानीय निवासियों और पर्यावरण प्रेमियों की मानें तो मछलियों की इस रहस्यमयी मौत के पीछे मंगुरा (कैटफिश) मछली का हाथ हो सकता है।
उल्लेखनीय है कि 27 जून को इस मांसाहारी मंगुरा मछली को झील में देखा गया था, जो कैमरे में कैद भी हुई। विशेषज्ञों के अनुसार मंगुरा मछली बेहद आक्रामक होती है और दूसरी मछलियों पर हमला कर उन्हें मार सकती है।
यह पहला मामला नहीं है जब मंगुरा मछली ने नैनीझील में हलचल मचाई हो। इससे पहले वर्ष 2010 में भी एक समुदाय विशेष द्वारा मंगुरा झील में छोड़ी गई थी, जिसे जिला प्रशासन और झील विकास प्राधिकरण ने तत्काल एक्शन लेते हुए बाहर निकाला था। तब 22 जून तक 39 मंगुरा मछलियाँ झील से निकाली गई थीं।
हालांकि, कुछ विशेषज्ञ यह भी मान रहे हैं कि यह मौतें मछलियों की प्राकृतिक उम्र पूरी होने के कारण भी हो सकती हैं। खासकर सिल्वर कार्प और ग्रास कार्प प्रजातियों की एक निश्चित जीवन अवधि होती है, जिसके बाद वे स्वतः मर जाती हैं और जल में गलने लगती हैं।
निगरानी और कार्रवाई जारी
नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी रोहिताश शर्मा का कहना है कि झील की नियमित सफाई की जा रही है और अब तक कई मरी हुई मछलियाँ बाहर निकाली जा चुकी हैं। यदि कहीं और मछलियाँ मृत पाई जाती हैं, तो उन्हें भी शीघ्र निकाला जाएगा।
वहीं, जिला विकास प्राधिकरण के सचिव विजय नाथ शुक्ल ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए पंतनगर के मत्स्य विभाग को सूचित कर दिया है। विशेषज्ञों की रिपोर्ट के बाद ही स्थिति की स्पष्ट तस्वीर सामने आएगी।
पर्यावरणीय चिंता और समाधान की जरूरत
नैनीझील सिर्फ एक पर्यटन स्थल ही नहीं, बल्कि नैनीताल की जीवनरेखा है। झील में हो रही इस तरह की घटनाएँ न केवल पारिस्थितिक संतुलन को प्रभावित कर सकती हैं, बल्कि राज्य की पर्यटन छवि को भी धूमिल कर सकती हैं।
ज़रूरत है कि प्रशासन, पर्यावरण विभाग और मत्स्य विशेषज्ञ मिलकर इस मामले की गहन जांच करें और शीघ्र समाधान निकाला जाए।