हल्द्वानी ट्रांसपोर्ट नगर में गहराया संकट, सैकड़ों परिवारों की रोजी-रोटी पर खतरा
हल्द्वानी। कांवड़ यात्रा के दौरान उत्तराखंड की ट्रैफिक व्यवस्था भले ही श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए सख्त की गई हो, लेकिन इसका सीधा असर हल्द्वानी के ट्रांसपोर्ट नगर और आसपास के कारोबारियों पर पड़ा है। ट्रांसपोर्ट नगर व्यापारी एसोसिएशन ने इसे लेकर प्रशासन के सामने खुला मोर्चा खोल दिया है।
हाल ही में हुई एक बैठक में ट्रांसपोर्ट कारोबारी, ट्रक चालक और कर्मचारी एक मंच पर आए और वर्तमान हालात पर खुलकर नाराज़गी जाहिर की। उनका कहना है कि यदि दो दिनों के भीतर हालात नहीं सुधरे, तो वे आंदोलन की राह पकड़ेंगे।
ट्रांसपोर्ट व्यवस्था चरमराई, माल ढुलाई ठप
एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रदीप सबरवाल का कहना है कि कांवड़ यात्रा के नाम पर ट्रकों को कई दिनों तक रोका जा रहा है। इससे न केवल माल ढुलाई प्रभावित हो रही है, बल्कि ड्राइवरों को सड़क किनारे भूखे-प्यासे दिन-रात बिताने पड़ रहे हैं। “दवाइयों और जरूरी सामान लाने वाले ट्रक भी रोके जा रहे हैं, जिससे आम जनता तक जरूरी वस्तुएं नहीं पहुंच पा रही हैं,” उन्होंने बताया।
अभद्रता और मारपीट के आरोप
बैठक में यह भी आरोप लगाया गया कि कुछ स्थानों पर ट्रक चालकों के साथ पुलिस व अन्य लोगों द्वारा अभद्र व्यवहार और मारपीट की घटनाएं सामने आई हैं। एसोसिएशन ने इसे गंभीर चिंता का विषय बताया है।
सैकड़ों परिवारों की रोजी-रोटी पर खतरा
महामंत्री खीमानंद शर्मा ने बताया कि ट्रांसपोर्ट नगर में सैकड़ों परिवार इस व्यवसाय पर निर्भर हैं। लेकिन मौजूदा स्थिति ने उन्हें आर्थिक संकट में धकेल दिया है। “न तो माल आ पा रहा है, न ही जा रहा है। कारोबारी घाटे में हैं और कर्मचारियों को वेतन देना मुश्किल हो गया है,” उन्होंने कहा।
आंदोलन की चेतावनी
बैठक में स्पष्ट रूप से चेतावनी दी गई कि यदि दो दिनों में प्रशासन ने समाधान नहीं निकाला, तो ट्रांसपोर्ट नगर के सभी व्यापारी सड़क पर उतरकर आंदोलन शुरू करेंगे। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि ऐसी स्थिति की ज़िम्मेदारी प्रशासन पर होगी।
प्रमुख व्यापारियों की भागीदारी
बैठक में एसोसिएशन के अध्यक्ष और महामंत्री के साथ-साथ पंकज वोहरा, इंदर भुटियानी, लक्ष्मण सिंह नेगी, हाजी मंसूर खान, जसपाल मालदार, ललित मोहन बिष्ट, केनेडी सचदेवा, राजेश पुरी, दयाकिशन शर्मा, मंजीत सेठी, दिनेश बेलवाल और चंद्रशेखर पांडेय जैसे कई वरिष्ठ व्यापारी शामिल रहे।
व्यवस्थित समाधान की मांग
ट्रांसपोर्ट कारोबारियों की स्पष्ट मांग है कि कांवड़ यात्रा के दौरान ट्रैफिक प्रबंधन इस तरह से किया जाए कि धार्मिक भावना का सम्मान भी बना रहे और आवश्यक सेवाएं और ट्रांसपोर्ट व्यवस्था भी सुचारू रूप से चलती रहे।
प्रशासन की अग्निपरीक्षा
यह मामला केवल ट्रांसपोर्ट सेक्टर का नहीं, बल्कि क्षेत्र की आपूर्ति श्रृंखला और आर्थिक संतुलन से भी जुड़ा है। प्रशासन पर अब दबाव है कि वह श्रद्धालुओं और कारोबारियों दोनों के हितों को ध्यान में रखते हुए संतुलन साधे।