फार्मा पैकेजिंग मानकों पर मंथन। BIS ने किया “मानक मंथन” का आयोजन
- औषधीय गुणवत्ता व सुरक्षा के लिए एकजुट हुए विशेषज्ञ, उद्योग और नियामक संस्थान
देहरादून। भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) देहरादून शाखा कार्यालय द्वारा यूकॉस्ट, देहरादून में “मानक मंथन” कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
इस कार्यक्रम का उद्देश्य फार्मास्युटिकल पैकेजिंग से जुड़े IS 16011:2012 मानक (एल्युमिनियम फॉइल हेतु विनिर्देश) पर हितधारकों के साथ चर्चा और सुधार की संभावनाओं को तलाशना रहा।
कार्यक्रम में GM DIC श्रीमती अंजली रावत नेगी, UIWA अध्यक्ष सुनील उनियाल, उपाध्यक्ष IPS चौला, सचिव सुधीर जैन सहित अनेक विशेषज्ञ और उद्योग प्रतिनिधि शामिल हुए। दीप प्रज्वलन के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ।
BIS निदेशक सौरभ तिवारी ने कहा, “फार्मा उत्पादों की गुणवत्ता और उपभोक्ता सुरक्षा सीधे तौर पर पैकेजिंग मानकों पर निर्भर करती है। हमारा उद्देश्य है कि इन मानकों को आधुनिक आवश्यकताओं के अनुरूप और अधिक व्यवहारिक बनाया जाए।”
तकनीकी सत्र की खास बातें:
- BIS वैज्ञानिक श्री सचिन चौधरी ने IS 16011:2012 के विनिर्माण मानकों, परीक्षण विधियों और अंतरराष्ट्रीय ट्रेंड्स पर जानकारी साझा की।
- प्रतिभागियों ने पैकेजिंग गुणवत्ता, सामग्री परीक्षण एवं मानकों के सुधार संबंधी प्रश्न पूछे।
- BIS अधिकारियों ने उत्तर तकनीकी व प्रायोगिक दृष्टिकोण से दिए, जिससे सत्र अत्यंत ज्ञानवर्धक रहा।
कार्यक्रम में फार्मा उद्योग, तकनीकी संस्थानों और नियामक एजेंसियों के प्रतिनिधियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। BIS ने इस अवसर पर उद्योग सहयोग और उपभोक्ता हितों की रक्षा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।
प्रमुख बिंदु:
- IS 16011:2012 मानक की समीक्षा पर केंद्रित संवाद
- फार्मा क्षेत्र के विशेषज्ञों और प्रयोगशालाओं की सहभागिता
- पैकेजिंग मानकों को व्यवहारिक व वैश्विक स्तर पर समसामयिक बनाने पर जोर
- हितधारकों से सुझाव आमंत्रित