रुड़की और लक्सर में दहशत। पथराव और फायरिंग की घटनाओं से माहौल तनावपूर्ण, पुलिस बल तैनात
रिपोर्ट- सलमान मलिक
रुड़की/लक्सर। हरिद्वार जनपद में रविवार और शनिवार की देर रात दो अलग-अलग जगहों पर हुए बवाल और फायरिंग की घटनाओं ने आम जनता में दहशत का माहौल पैदा कर दिया है।
एक ओर रुड़की के मंगलौर क्षेत्र में रिक्शा तेज चलाने को लेकर शुरू हुआ मामूली विवाद हिंसक झड़प में तब्दील हो गया, वहीं दूसरी ओर लक्सर नगर का सीमली वार्ड देर रात गोलियों की तड़तड़ाहट से गूंज उठा।
रुड़की में दो पक्षों में पथराव, फायरिंग की चर्चा
रविवार को मंगलौर के मोहल्ला किला में दो पक्षों के बीच शुरू हुआ विवाद बवाल में बदल गया। दिन में एक रिक्शा चालक की तेज रफ्तार को लेकर दो युवकों में कहासुनी हुई थी जिसे स्थानीय लोगों ने शांत करा दिया। लेकिन शाम होते-होते मामला फिर गरमा गया और दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर पथराव शुरू कर दिया।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, पथराव के दौरान एक युवक ने तीन राउंड फायरिंग की। हालांकि पुलिस इस फायरिंग की पुष्टि नहीं कर रही है। झड़प में दो युवक घायल हुए हैं। घटना के बाद इलाके में अफरा-तफरी मच गई और आरोपी मौके से फरार हो गए।
कोतवाली प्रभारी शांति कुमार गंगवार ने बताया कि फिलहाल गोली चलने की पुष्टि नहीं हो पाई है। पथराव की घटना की जांच चल रही है और आरोपियों की तलाश जारी है। इलाके में तनाव को देखते हुए भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।
लक्सर में बाइक सवार युवकों ने की हवाई फायरिंग
शनिवार रात लक्सर नगर के सीमली वार्ड में चार मोटरसाइकिलों पर सवार छह युवकों ने भुरनी मार्ग होते हुए ताबड़तोड़ हवाई फायरिंग कर दी। फायरिंग के चलते क्षेत्र में भय का माहौल बन गया।
स्थानीय लोगों का कहना है कि शुरुआत में उन्हें लगा कि यह बाइक की आवाज है, लेकिन गोली चलने और गाली-गलौज की आवाजों ने लोगों को सचेत कर दिया।
युवकों ने सीमली वार्ड से लेकर भुरनी मार्ग तक करीब 8-9 राउंड फायरिंग की और फिर मौके से फरार हो गए। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और लोगों से पूछताछ की। कोतवाली प्रभारी राजीव रौथाण ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है और घटना के कारणों का पता लगाया जा रहा है।
सवालों के घेरे में कानून व्यवस्था
दो दिनों में दो अलग-अलग स्थानों पर हुई गोलीबारी की इन घटनाओं ने एक बार फिर पुलिस की सतर्कता और कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय लोगों में भय और आक्रोश है। ऐसे में पुलिस प्रशासन पर आरोपियों की गिरफ्तारी और सख्त कार्रवाई करने का दबाव है।