वीडियो: लच्छीवाला में कांवड़ियों की भीड़, डीजे और वीडियो बनाने से भड़के हाथी। दो ट्रॉलियां पलटीं, एक घायल

लच्छीवाला में कांवड़ियों की भीड़, डीजे और वीडियो बनाने से भड़के हाथी। दो ट्रॉलियां पलटीं, एक घायल

  • वन विभाग और पुलिस ने मिलकर संभाली स्थिति
  • हाथियों की मौजूदगी में सतर्कता बरतने की अपील

देहरादून। सावन माह की कांवड़ यात्रा के दौरान देहरादून के लच्छीवाला रेंज अंतर्गत मणि माई मंदिर के पास एक बड़ा हादसा शनिवार रात को होते-होते टल गया।

रात करीब 8:30 बजे जंगल से निकलकर सड़क पार कर रहे एक नर और मादा हाथी अपने शिशु के साथ अचानक बौखला गए।

देखें वीडियो:-

तेज आवाज में बज रहे डीजे, भीड़ की चीख-पुकार और कांवड़ियों द्वारा वीडियो बनाए जाने से हाथियों ने आपा खो दिया और मौके पर खड़ी दो ट्रालियों पर हमला बोल दिया।

इस घटना में एक कांवड़िया गंभीर रूप से घायल हो गया, जबकि मौके पर अफरा-तफरी मच गई। गनीमत रही कि हाथी श्रद्धालुओं से भरे पंडाल में नहीं घुसे, वरना बड़ी जनहानि हो सकती थी।

प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया

हाथियों की मौजूदगी के बावजूद कुछ कांवड़िए उन्हें चिढ़ाते रहे और मोबाइल से वीडियो बनाते रहे, जिससे हाथी और अधिक आक्रोशित हो गए। हाथियों ने ट्रॉलियों को पलटा और कुछ दूरी तक उत्पात मचाया।

वन विभाग और पुलिस की सराहनीय कार्रवाई

घटना की सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम दरोगा पूरन सिंह रावत के नेतृत्व में मौके पर पहुंची। तत्काल पंडाल को खाली कराया गया और बम-पटाखों की मदद से हाथियों को जंगल की ओर खदेड़ा गया। पुलिस ने भी मोर्चा संभालते हुए ट्रैफिक नियंत्रित किया और यात्रियों को बिना रुके आगे बढ़ने की हिदायत दी।

सुपरवाइजरों ने जताई चिंता

लच्छीवाला टोल प्लाजा के सुपरवाइजर राकेश नौटियाल और अरुण ने बताया कि यदि समय रहते हाथियों को वापस न खदेड़ा जाता, तो पंडाल में मौजूद सैकड़ों श्रद्धालुओं की जान को खतरा हो सकता था। यह घटना वन्यजीव क्षेत्रों में संयम और संवेदनशीलता बरतने की आवश्यकता को रेखांकित करती है।

वन विभाग की चेतावनी

वन विभाग ने कांवड़ियों और आयोजकों से अपील की है कि वे जंगल क्षेत्रों के समीप डीजे, साउंड सिस्टम, तेज रोशनी का प्रयोग न करें और वन्यजीवों के रास्ते में अवरोध न डालें। विभाग ने स्पष्ट किया है कि यदि किसी ने वन्य क्षेत्र में नियमों का उल्लंघन किया तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

यह घटना एक चेतावनी है, भक्ति में भटकाव नहीं, सतर्कता और सम्मान भी जरूरी है।