बिग ब्रेकिंग: शासन ने उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलपति समेत 36 का वेतन रोका। अन्य कर्मचारियों के लिए बजट जारी

शासन ने उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलपति समेत 36 का वेतन रोका। अन्य कर्मचारियों के लिए बजट जारी

  • हरिद्वार के दो परिसर ऋषिकुल और गुरुकुल में तैनात कई प्रोफेसर भी कार्रवाई की चपेट में आए हैं।

देहरादून। उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय में विभागीय पदोन्नति योजना का लाभ लेने वाले प्रोफेसर और वित्तिय अनियमितताओं में संलिप्त कई अधिकारियों कर्मचारियों का वेतन शासन ने रोककर अन्य कर्मियों के वेतन मद का बजट जारी कर दिया।

इसमें कुलपति और कुलसचिव भी वेतन से वंचित रह गए। कुल 36 अधिकारियों और कर्मचारियों के संबंध में अब निर्णय वित्त विभाग तब लेगा, जब मांगे गए बिंदुओं पर विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से स्पष्ट जवाब दिया जाएगा

बता दें कि वर्ष 2016 में कई वित्तिय अनियमितताएं उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय में सामने आई थीं। इसमें तमाम संविदा कर्मियों को पदोन्नति देकर उन्हें उच्च वेतनमान तक दिए गए थे। मामले में जांच के बाद कुल पांच जिम्मेदार पदों पर नियुक्त अधिकारियों से वसूली के आदेश भी दिए गए थे।

मनमाने तरीके से धन खर्च करने के मामले में वित्त विभाग ने कई बार अड़ंगा लगाया। इस बार जब पांच माह से वेतन नहीं मिला तो शिक्षक, चिकित्सक और शिक्षणेत्तर कर्मियों ने लगातार धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया।

धरने के 26वें दिन वित्त विभाग ने कुल 13.13 करोड़ रुपये जारी तो किए, लेकिन इसमें कुलपति, कुल सचिव समेत कुल 36 कार्मिकों के वेतन को रोक दिया गया

तीनों परिसरों में तैनात कई प्रोफेसर भी चपेट में आए
सचिव उत्तराखंड शासन दीपेन्द्र कुमार चौधरी की ओर से जारी पत्र में निर्देशित किया गया है कि निदेशक आयुर्वेदिक एवं यूनानी सेवाएं आयुष एवं आयुष शिक्षा अनुभाग वित्तीय वर्ष 2025-26 में उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय मानक 5-वेतन भत्ते आदि को निर्देशों का अनुपालन करते हुए व्यय करेंगे।

वित्त विभाग के निर्णय तक किसी भी दशा में कुलपति और कुलसचिव के अलावा विभागीय पदोन्नति पाने वाले कार्मिकों का वेतन भुगतान नहीं किया जाएगा।

इन कार्मिकों को भी नहीं मिलेगा निर्णय आने तक वेतन
उत्तराखण्ड आयुर्वेद विश्वविद्यालय में कार्यरत चन्द्रमोहन पैन्यूली व्यैक्तिक सहायक, विवेक वैभव जोशी आशुलिपिक ग्रेड-2, अनिल दत्त बेलवाल सहायक लेखाकार, मिथिलेश मठपाल कनिष्ठ सहायक के अलावा कनिष्ठ सहायक दीपक ज्योति संविदा के आधार पर नियुक्त किए गए थे। शासन ने माना कि इनको अनुचित सेवा लाभ प्रदान करते हुए वर्ष 2016 में नियम विरुद्ध विनियमित कर दिया गया।

इसके अतिरिक्त शैक्षणिक संवर्ग कुल आठ कार्मिक डॉ. उत्तम कुमार शर्मा प्रवक्ता, डॉ. दिनेश कुमार गोयल सहायक प्रवक्ता, डॉ. राम विलास शुक्ला सहायक प्रवक्ता, डॉ. रामकुमार गौतम सहायक प्रवक्ता, डाॅ. प्रवेश तोमर, सहायक प्रवक्ता, डॉ. शोभित कुमार सहायक प्रवक्ता, डाॅ. नर्गता जोशी सहायक प्रवक्ता और डॉ. ऊषा शमां सहायक प्रवक्ता को भी शासन ने अनुचित सेवा लाभ देने का आरोप लगाया है।

अनुचित तरीके से लाभ लेने वालों से वसूली के आदेश
शासन ने उत्तराखण्ड आयुर्वेद विश्वविद्यालय में वर्ष 2015-2016 में विभागीय पदोन्नति योजना के तहत लाभ लेने वाले कार्मिकों के विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं।

इसमें पहले उनके विनियमितकरण को तत्काल प्रभाव से समाप्त करते हुए प्रदान किये गए सभी लाभ को भी हटाने के आदेश हैं। इसके साथ ही संबंधित कार्मिक को वेतन मद में भुगतान की गई धनराशि की वसूली के निर्देश भी सचिव ने दिए हैं