कांवड़ यात्रा में पहली होगी ATS की तैनाती। संतों ने की यह मांग….
देहरादून। उत्तराखंड सरकार ने इस वर्ष कांवड़ यात्रा के दौरान सुरक्षा व्यवस्था को और अधिक सुदृढ़ करने के लिए एक अहम फैसला लिया है।
राज्य के पुलिस महानिदेशक (DGP) दीपम सेठ ने जानकारी दी है कि इस बार कांवड़ यात्रा में एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड (ATS) की टीमों को तैनात किया जाएगा।
यह पहली बार है जब उत्तराखंड में कांवड़ यात्रा के दौरान ऐसी विशेष सुरक्षा व्यवस्था की जा रही है। इससे पहले उत्तर प्रदेश में पिछले दो वर्षों से कांवड़ यात्रा में ATS की तैनाती हो रही है।
DGP दीपम सेठ ने बताया कि हाल ही में पहलगाम हमले के बाद चार धाम यात्रा मार्ग पर भी एहतियातन ATS की तैनाती की गई थी। उसी तर्ज पर अब कांवड़ यात्रा के दौरान भी विशेष सतर्कता बरती जाएगी।
उन्होंने कहा कि चार से पांच प्रमुख स्थलों पर ATS की टीमें तैनात रहेंगी, जिससे किसी भी प्रकार के आतंकी खतरे या कानून-व्यवस्था की स्थिति से निपटा जा सके।
कांवड़ यात्रा को लेकर जहां प्रशासन पूरी सुरक्षा व्यवस्था में जुटा है, वहीं दूसरी ओर धार्मिक संगठनों और साधु-संतों ने यात्रा की धार्मिक मर्यादा और पवित्रता बनाए रखने को लेकर चिंता जाहिर की है।
भारत साधु समाज के संतों ने एक बैठक कर राज्य सरकार से आग्रह किया कि 11 जुलाई से शुरू हो रही कांवड़ यात्रा में गैर-हिंदुओं, विशेष रूप से मुस्लिम समुदाय के लोगों के प्रवेश और व्यापारिक गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाया जाए।
इस बैठक में संतों ने तर्क दिया कि गैर हिन्दू यात्रा में प्रवेश कर यात्रा की पवित्रता को भंग कर सकते हैं। इस विषय में जूना अखाड़ा के वरिष्ठ महामंडलेश्वर स्वामी यतींद्रानंद ने पहले ही मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर ये मांग की थी।
हिंदू रक्षा सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी प्रबोधानंद गिरि ने भी इस मुद्दे को जोरशोर से उठाया है। उन्होंने कहा कि कांवड़ यात्रा के दौरान खाद्य सामग्री की पवित्रता बनाए रखने के लिए सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि खाद्य दुकानों में काम करने वाले लोग हिंदू ही हों।
प्रबोधानंद गिरि ने यह भी कहा कि प्रशासन को यात्रा मार्ग पर मौजूद दुकानों की कड़ी निगरानी करनी चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वहां गैर-हिंदू दुकानदारों की पहचान की जाए। उनका मानना है कि इससे यात्रा की धार्मिक मर्यादा और श्रद्धालुओं की आस्था सुरक्षित रह सकेगी।