पंचायत चुनाव में प्रधान पद के लिए सर्वाधिक आवेदन, सदस्य बनने में लोगों को रुचि नहीं….
देहरादून। उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के पहले व दूसरे चरण के लिए नामांकन प्रक्रिया शनिवार, 5 जुलाई को पूरी हो गई। अंतिम दिन प्रदेशभर में नामांकन के लिए लोगों में खासा उत्साह दिखाई दिया, लेकिन ग्राम पंचायत सदस्य पदों के लिए अपेक्षित संख्या में नामांकन नहीं आ पाए। इससे संकेत मिल रहे हैं कि बड़ी संख्या में पद इस बार रिक्त रह सकते हैं।
सदस्य पदों के लिए बेहद कम नामांकन
राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, पहले तीन दिनों में कुल 66,418 पदों के लिए केवल 32,239 नामांकन दाखिल हुए थे।
ग्राम प्रधान के 7,499 पदों के लिए सर्वाधिक 15,917 नामांकन तीन दिन में दर्ज हुए, जो यह दर्शाता है कि इस पद को लेकर लोगों में विशेष रुचि है। शनिवार को यह आंकड़ा और बढ़ा, हालांकि अंतिम आंकड़े खबर लिखे जाने तक आयोग द्वारा जारी नहीं किए गए थे।
इसके विपरीत, ग्राम पंचायत सदस्य के 55,587 पदों के लिए सिर्फ 7,235 नामांकन तीन दिन में आए। अंतिम दिन भी इस पद के लिए उत्साह की खास कमी देखने को मिली। इससे संकेत मिलते हैं कि ग्रामीण स्तर पर प्रतिनिधित्व के लिए आमजन की भागीदारी अपेक्षा से काफी कम है।
अब नामांकन प्रक्रिया के अगले चरण में, 7 से 9 जुलाई तक राज्य निर्वाचन आयोग इन नामांकन पत्रों की जांच करेगा। यह जांच दोनों चरणों के लिए दाखिल हुए नामांकन पर लागू होगी।
नाम वापसी और चुनाव चिह्न आवंटन की तिथियां
नामांकन पत्रों की जांच के बाद, 10 और 11 जुलाई को नाम वापसी का अवसर दिया जाएगा। इसके बाद, चुनाव मैदान में टिके उम्मीदवारों को चुनाव चिह्न आवंटित किए जाएंगे।
- पहले चरण के लिए चुनाव चिह्न का आवंटन 14 जुलाई
- दूसरे चरण के लिए चुनाव चिह्न का आवंटन 18 जुलाई
मतदान और परिणाम की तिथियां
- पहले चरण का मतदान: 24 जुलाई
- दूसरे चरण का मतदान: 28 जुलाई
- दोनों चरणों के परिणामों की घोषणा: 31 जुलाई
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में ग्राम प्रधान पद के लिए तो पर्याप्त नामांकन हुए हैं, लेकिन सदस्य पदों के लिए उदासीनता चिंता का विषय है। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में लोकतांत्रिक भागीदारी को लेकर जागरूकता की कमी झलकती है।
आगामी चरणों में निर्वाचन आयोग और प्रशासन की चुनौती होगी कि रिक्त पदों पर पुनः चुनाव की प्रक्रिया या नामित प्रतिनिधियों की व्यवस्था की जाए।
यह देखना भी दिलचस्प होगा कि आगामी दिनों में उम्मीदवारों की अंतिम सूची में कितनी विविधता और प्रतिस्पर्धा नजर आती है।