खुशखबरी: PWD के सहायक अभियंता गोविंद सिंह कौंडल को मिला ‘देवभूमि राष्ट्रीय रत्न पुरस्कार’

PWD के सहायक अभियंता गोविंद सिंह कौंडल को मिला ‘देवभूमि राष्ट्रीय रत्न पुरस्कार’

देहरादून। द इंस्टिट्यूट ऑफ इंजिनियर्स (इंडिया) देहरादून एंड इंस्टिट्यूट फ़ॉर सोशल रिफॉर्म्स & हायर एजुकेशन (UP) रजिस्टर्ड विद गवर्मेंट ऑफ इंडिया, नीति आयोग (MHRD) द्वारा देहरादून में आयोजित कार्यक्रम में श्री कौंडल को Pubilc Service and Social Welfare के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने पर प्रतिष्ठित सम्मान देवभूमि राष्ट्रीय रत्न पुरस्कार 2025 से सम्मानित किया।

मुख्य अतिथि उत्तराखंड के वन एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री सुबोध उनियाल द्वारा इस राष्ट्रीय कार्यशाला को संबोधित करते हुए सभी अवॉर्डी को शुभकामनाएं दी गई एवं सबको और अधिक जिम्मेदारी से कार्य करने का आह्वान किया गया।

अध्यक्ष IEI द्वारा सबसे पुरानी ( वर्ष 1920 ) अपनी संस्था के कार्यों से मंच तथा सभागार को विस्तृत जानकारी प्रदान की गई। कई वक्ताओं द्वारा अभियांत्रिकी पर चर्चा की गई।

डॉ सतेंद्र मित्तल, प्रो चांसलर, पतंजलि विश्वविद्यालय हरिद्वार द्वारा डिजास्टर मेडिसीन सहित विश्विद्यालय के देश हित कार्यों पर प्रकाश डाला गया। अवॉर्ड मिलने पर सभी अवॉर्डी अत्यंत खुश हैं। श्री कौंडल ने अपने पच्चीस वर्षों के सेवा एवं समाज सेवा कार्यों का संक्षिप्त विवरण रखा।

बताते चलें कि उत्तराखण्ड लोक निर्माण विभाग के प्रान्तीय खण्ड देहरादून में कार्यरत सहायक अभियन्ता एवं समाज सेवा के क्षेत्र में डाक्टरेट की मानद उपाधि से अलंकृत डॉ गोविन्द सिंह कौण्डल का जन्म 14 जुलाई 1978 को तत्कालीन उत्तर प्रदेश (वर्तमान उत्तराखण्ड) के देहरादून जिले के पर्वतीय क्षेत्र जौनसार के अन्तर्गत ग्राम रामपुर सरना पो०ओ० खबऊ, खत-तपलाड, तहसील चकराता में हुआ।

इनके पिता सरदार सिंह गॉव में खेती-बाडी का कार्य करने वाले किसान के साथ-साथ पंचायत में जनप्रतिनिधि रहे हैं। इनकी माता श्रीमती शकुन्तला देवी गृहणी है। इनकी प्रारम्भिक शिक्षा जनपद उत्तरकाशी के डामटा नामक स्थान से हुई है। इनके द्वारा रा.इ.का. डामटा से वर्ष 1993 में प्रथम श्रेणी में हाई स्कूल तथा वर्ष 1995 में इण्टरमीडिएट की परीक्षा उर्त्तीण की गई।

इसके पश्चात उत्तरकाशी से वर्ष 1999 में प्रथम श्रेणी डिप्लोमा इन सिविल इंजीनियरिंग किया गया। जनवरी 2000 से गैर-सरकारी संस्था से जुड कर स्वजल परियोजना में कार्य किया गया।

जून 2001 से नैशनल हाईड्रोइलेक्ट्रिक पॉवर कॉरपोरेशन में नियुक्त होकर अरूणाचल प्रदेश के अपर सुबानसिरी जनपद के दापोरिजो से सेवा प्रारम्भ की। लगभग 3 वर्ष की राजकीय सेवाओं के साथ इनके द्वारा वहां के जनजाति समाज की अनेकानेक समस्याओं को सुलझाते हुये उनकी सेवायें की गई। सितम्बर वर्ष 2004 से उत्तराखण्ड लोक निर्माण विभाग में योगदान कर वर्तमान तक विभाग में 20 वर्ष से अधिक की सेवायें पूर्ण कर चुके है।

वर्ष 2013 में इनके द्वारा सिविल इंजीनियरिंग में बी0-टेक किया गया। विभागीय सेवा के साथ ये समाज सेवा के कार्य भी अनवरत जारी रखे हुये है। ये कई ट्रस्टों के माध्यम से स्मॉल चैरिटी वर्तमान तक कर रहे है। केदारनाथ आपदा के पश्चात मातृ-पितृ विहीन बेटिओं को ये ट्रस्ट के माध्यम से छात्रवृत्ति भी प्रदान कर चुके हैं।

जिला विकास प्राधिकरण पौडी में सेवा के दौरान भवन मानचित्र स्वीकृत करवाने वाले आर्थिक रूप से कमजोर आवेदक को मानचित्र स्वीकृति की फीस हेतु आर्थिक सहयोग तक इनके द्वारा किया गया। जिला विकास प्राधिकरण में अपने विभागीय कार्यों के साथ सफल सराहनीय एवं उत्कृष्ट कार्य सम्पादन हेतु इन्हे प्रशस्ति पत्र दिया गया।

देहरादून के DAV कॉलेज में छात्रों के छात्रावास, कण्डोली में लाइब्रेरी हेतु सहयोग किया गया। इस छात्रावास में रहकर कई गरीब छात्र उच्च शिक्षा हेतु अध्ययनरत है। मल्ली गांव पौड़ी के बुजुर्ग जिनकी आयु 74 वर्ष के आंखों तथा अन्य स्वास्थ्य संबंधी चेकअप के लिए आर्थिक सहयोग किया गया।

कोरोना काल में सरकार द्वारा जनता कर्फ्यू एवं लॉकडाउन लगाए जाने की घोषणा हुई एवं 25.03.2020 से देशव्यापी लॉकडाउन लगाया गया। जिसमें इनके द्वारा समाज सेवा पूर्ण समर्पित होकर की गई। वाहन न चलने के कारण ओला ड्राइवरों की आर्थिक स्थिति अन्य सभी की भांति कमजोर हो गई थी, जिसमें इनके द्वारा उनकी आर्थिक मदद की गई।

सामाजिक कार्यकर्ता पौड़ी गढ़वाल को कई किट राशन वितरण हेतु दिये गये। ‘सेव-द-चिल्ड्रनस’ संस्था को उनके द्वारा किये जा रहे परमार्थ कार्य हेतु सहयोग किया गया। फेडरेशन के तत्वाधान में महाकाल सेना पौडी को कोट ब्लॉक में जरूरतमंदों के लिये दी जा रही राशन सामग्री के कई किट प्रदान किये गये।

प्रमुख अभियन्ता एवं विभागाध्यक्ष, लोनिवि, उत्तराखण्ड, देहरादून द्वारा महत्वपूर्ण एवं विशिष्टकार्यों का कठिन परिश्रम लगन एवं दक्षता से करने हेतु इन्हे चार बार प्रशंसा प्रत्र दिये गये हैं। भारत रत्न बाबा साहेब डॉ० बी०आर० अंबेडकर जयंती कार्यक्रम पौड़ी में प्रादेशिक शिल्पकार कल्याण समिति के द्वारा आयोजित कार्यक्रमो में विशिष्ट अतिथि एवं मुख्य अतिथि के रूप में कई बार प्रतिभाग किया।

दिसंबर वर्ष 2023 में उत्तराखंड मे आयोजित वैश्विक निवेश सम्मेलन (ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023) में मार्गों का सुदृढ़ीकरण एवं सुधारीकरण कर उच्च क्वालिटी राईडिग हेतु तैयार का करने का इन्हे भी सौभाग्य प्राप्त है, जिस हेतु इन्हे 26 जनवरी 2024 को गणतन्त्र दिवस के शुभ अवसर पर सम्मानित किया जा चुका है।

इसी प्रकार की इनकी सेवाओं तथा सर्वसमाज की सेवाओं को संज्ञान में लेते हुये मथुरा वृन्दावन में 27 दिसंबर 2024 को इन्हे डॉक्टरेट की मानद उपाधि प्रदान की गई है। उत्तराखण्ड राज्य में हुये 38 वें राष्ट्रीय खेल महोत्सव 2025 में इनको कठिन परिश्रम लगन एवं दक्षता से कार्य करने पर प्रशंसा प्रत्र दिये गये है।

कर्मचारी संगठनों में वर्षों से ये जनपद, मण्डल एवं प्रान्त के कई पदों को सुशोभित कर चुके हैं तथा विभागीय सेवा के साथ-साथ आज भी समाज सेवा के छोटे-बडे कार्यों में अनवरत लगे हुये हैं।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि सुबोध उनियाल, वन एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री, ई नरेंद्र सिंह पूर्व अध्यक्ष आई ई आई, ई एच के उप्रेती सेवानिवृत विभागाध्यक्ष लो. नि. वि, डॉ अतुल कुमार शर्मा, संयोजक President ISRHE , डॉ सतेंद्र मित्तल, प्रो चांसलर, पतंजलि विश्वविद्यालय हरिद्वार,श्री अनुराग गुप्ता, ई सतीश कुमार चौहान सचिव IEI, महातव यादव (IFS) डिप्टी डायरेक्टर राजा जी पार्क, पूरे देश से आए हुए अवॉर्डी एवं उनके परिजन उपस्थित रहे।