अब्बास अंसारी की विधायकी खत्म, मऊ सीट रिक्त घोषित
उत्तरप्रदेश की मऊ विधासभा सीट पर अब उपचुनाव होंगे। अब्बास अंसारी की मऊ कोर्ट से हेट स्पीच मामले में सजा का ऐलान होते ही विधायकी भी खत्म हो गई है। इस संबंध में आज विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने नोटिफिकेशन जारी कर मऊ सीट को रिक्त घोषित कर दिया है।
.दरअसल सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देश के अनुसार अगर सांसदों और विधायकों को किसी भी मामले में 2 साल से ज्यादा की सजा हुई है तो ऐसे में उनकी सदस्यता (संसद और विधानसभा से) रद्द हो जाती है. सुप्रीम कोर्ट ने यह दिशानिर्देश जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 8 (4) निरस्त कर दिया है।
बीते विधानसभा चुनाव के दौरान नफरती भाषण और चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन के मामले मे फैसला शनिवार को हुआ। सीजेएम डॉ. केपी सिंह ने मामले में पक्षकारों की बहस सुनने के बाद फैसला के लिए 31 मई की तिथि नियत की थी।
सुनवाई के बाद अदालत ने आचार संहिता के उल्लंघन के मामले में अब्बास अंसारी को दोषी करार देते हुए दो साल की सजा सुनाई गई। इसके साथ ही अलग अलग धाराओं के तहत कुल 11 का जुर्माना भी लगाया गया है।
जानकारी के अनुसार, मामला शहर कोतवाली क्षेत्र का है। मामले में अभियोजन के अनुसार एसआई गंगाराम बिंद की तहरीर पर शहर कोतवाली में एफआईआर दर्ज की गई थी। इसमें सदर विधायक अब्बास अंसारी और अन्य लोगों को आरोपी बनाया गया था।
आरोप था कि बीते तीन मार्च 2022 को विधानसभा चुनाव के दौरान सदर विधानसभा सीट से सुभासपा के प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ रहे अब्बास अंसारी ने हेट स्पीच दिया।
नगर के पहाड़पुर मैदान में जनसभा के दौरान कहा था कि मऊ प्रशासन को चुनाव के बाद हिसाब-किताब करने और इसके बाद सबक सिखाने की धमकी भी मंच से दी गई थी।
अब्बास अंसारी पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की 6 धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था. जिनमें धारा 506 (आपराधिक धमकी), धारा 171F (चुनाव में गलत प्रभाव डालना), धारा 186 (सरकारी कार्य में बाधा), धारा 189 (सरकारी सेवक को धमकाना), धारा 153A (दो समुदायों में वैमनस्य फैलाना), धारा 120B (आपराधिक साजिश) शामिल है।
इन धाराओं के तहत दर्ज केस की सुनवाई मऊ के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (CJM) डॉ. केपी सिंह की कोर्ट में चल रही थी, जिसमें अब्बास अंसारी को दोषी करार दिया।
यह मामला इसलिए भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि अब्बास अंसारी न केवल पूर्व बाहुबली सांसद मुख्तार अंसारी के बेटे हैं, बल्कि वर्तमान में मऊ सदर सीट से विधायक भी थे। सज़ा के एलान से पहले।