यौन शोषण मामले में पूर्व विधायक महेश नेगी को मिली क्लीनचिट, DNA जांच पर रोक
रिपोर्ट- अमित भट्ट
देहरादून। द्वाराहाट के पूर्व विधायक (तत्समय विधायक थे) महेश नेगी को देहरादून की कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने उन्हें यौन शोषण के आरोप के मामले में क्लीनचिट दे दी है।
इससे पहले पुलिस ने भी प्रकरण में एफआर (फाइनल रिपोर्ट) लगाकर महेश नेगी के खिलाफ साक्ष्य न होने की बात कही थी। एफआर को महिला ने कोर्ट में चुनौती दी थी। सभी पहलुओं पर गौर करने के बाद अब कोर्ट ने भी पूर्व विधायक महेश नेगी को अंतिम राहत दे दी है।
05 सितंबर 2020 में एक महिला ने द्वाराहाट के तत्कालीन विधायक महेश नेगी पर यौन शोषण का आरोप लगाते हुए नेहरू कॉलोनी थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। यह मुकदमा कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने दर्ज किया था।
महिला का आरोप था कि महेश नेगी उनकी बेटी के जैविक पिता भी हैं। साथ वह इसकी पुष्टि के लिए डीएनए जांच की मांग भी करती रही हैं। वह पारिवारिक न्यायालय में तत्कालीन विधायक के खिलाफ भरणपोषण का वाद भी दायर कर चुकी हैं।
महिला के आरोपों के क्रम में महेश नेगी ने बलैकमेल करने का आरोप लगाते हुए 11 सितंबर 2020 को महिला के विरुद्ध भी मुकदमा दर्ज कराया। वहीं, महिला के मुकदमे में कोर्ट ने महेश नेगी से पीड़िता की पुत्री होने की पुष्टि के लिए डीएनए जांच का आदेश दिया था।
इस आदेश पर हाई कोर्ट ने रोक लगा दी थी, जो अभी भी बरकरार है। यौन शोषण के मामले में दून पुलिस ने पूर्व विधायक महेश नेगी को क्लीनचिट दी तो महिला ने प्रोटेस्ट पिटीशन फाइल कर दी थी।
कोर्ट ने याचिका को स्वीकार किया और सभी पहलुओं का परीक्षण किया। जिसके बाद अब कोर्ट ने पूर्व विधायक को यौन शोषण मामले में क्लीनचिट दे दी। पूर्व विधायक महेश नेगी के अधिवक्ता चंद्रशेखर तिवारी ने कहा कि न्याय की जीत हुई है।
वहीं, महिला पर लगाए गए ब्लैकमेलिंग का प्रकरण अभी कोर्ट में विचाराधीन है। साथ ही महेश नेगी की ओर से दायर किया गया 02 करोड़ रुपये की मानहानि का मामला भी लंबित है।