एक्सक्लूसिव: बेमतलब की पहल’ या ‘व्यवस्था से खिलवाड़! अब ‘UK’ की जगह ‘उ.ख.’ लिखने का प्रस्ताव जारी

बेमतलब की पहल’ या ‘व्यवस्था से खिलवाड़! अब ‘UK’ की जगह ‘उ.ख.’ लिखने का प्रस्ताव जारी

देहरादून। उत्तराखंड भाषा विभाग ने एक अजीबो-गरीब फैसला लेकर विवाद को जन्म दे दिया है। विभाग ने उत्तराखंड राजभाषा अधिनियम 2009 के तहत हिंदी भाषा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से वाहनों की नंबर प्लेट पर पंजीयन कोड ‘UK’ की जगह ‘उ.ख.’ लिखने का प्रस्ताव जारी किया है।

इस संबंध में वन, भाषा, तकनीकी शिक्षा व निर्वाचन मंत्री सुबोध उनियाल की ओर से जारी सूचना में कहा गया है कि वर्तमान में सभी आरटीओ व एआरटीओ कार्यालयों में पंजीयन कोड केवल अंग्रेजी में अंकित किए जा रहे हैं, जबकि उत्तर प्रदेश के समय में हिंदी में भी कोड लिखे जाते थे।

इस सुझाव को मंजूरी दे दी गयी है और अब फाइल परिवहन विभाग को भेजी जाएगी। लेकिन इस फैसले ने न सिर्फ प्रशासनिक सवाल खड़े कर दिए हैं, बल्कि सोशल मीडिया पर भी लोगों की नाराजगी झेलनी पड़ी है। कई लोगों ने इसे ‘बेमतलब की पहल’ और ‘व्यवस्था से खिलवाड़’ बताया।

वहीं परिवहन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने स्पष्ट किया है कि मोटर व्हीकल एक्ट के अनुसार वाहनों की नंबर प्लेट में कोई बदलाव राज्य सरकार नहीं कर सकती।

हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट्स का डिजाइन और कोडिंग पूरी तरह केंद्र सरकार के अधीन है, और इसमें किसी भी तरह का परिवर्तन सिर्फ केंद्रीय सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा ही किया जा सकता है।

इसलिए भाषा विभाग का यह फैसला न केवल तकनीकी रूप से अमान्य है, बल्कि प्रशासनिक दृष्टिकोण से भी व्यावहारिक नहीं है। विशेषज्ञों का मानना है कि हिंदी भाषा को बढ़ावा देने के लिए व्यावहारिक और कानूनी रूप से सही उपाय किए जाने चाहिए, न कि ऐसे निर्णय जो लागू ही न हो सके।

फिलहाल, इस फैसले को लेकर सोशल मीडिया पर मीम्स और आलोचनाओं की बाढ़ आ गई है, और लोग सवाल पूछ रहे हैं कि क्या भाषा प्रेम दिखाने के लिए नियम-कानूनों को ताक पर रखा जा सकता है।