पूर्व CM हरीश रावत का बड़ा बयान। कहा, उत्तराखंड में एक बार बहस हो ही जाए कि मैं हिंदू हूं या नहीं, मैं….
देहरादून। उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सोशल मीडिया पर एक बयान जारी करते हुए कहा कि, उत्तराखंड में एक बार बहस हो ही जाए कि मैं हिंदू हूं या नहीं, मैं सनातनी हूँ या नहीं मैंने उत्तराखंड की संस्कृति इस मिट्टी की बढ़ोतरी के लिए कुछ किया की, नहीं किया।
यदि किया तो बीजेपी के सत्ता के खेल स्टिंग से लेकर के दो झूठे आरोप जिसमें जुम्मे की छुट्टी का आरोप लगाया गया। कहीं कोई आदेश तो आया होगा, कही तो छपा होगा।
कहाँ है वो मुस्लिम यूनिवर्सिटी, सत्ता में आएंगे तब हम उसे बनाएंगे का बयान कहीं तो छपा होगा। कहीं तो किसी TV चैनल youtuber या बीजेपी का ट्रोलर किसी के पास तो होगा, दिखा दें ये हरीश रावत ने कहा है।
उनके अनुसार धन्य हो उत्तराखंड तुम उनके झूठ को पचा गए। अब भी अपनी संस्कृति बचाने की, हिमालय बचाने की बात करते हो मुझे दुःख है बीजेपी के प्रेम में उत्तराखंड पाखंडियो के साथ खड़ा हो रहा है। प्रपंचियो के साथ खड़ा हो रहा है।
वहीं हरीश रावत ने साफ कहा कि, प्रेमचंद का प्रेम उन्हें बहुत महंगा पड़ रहा है, उनके अध्यक्ष ने कहा, पहाड़ी और मैदानी को ढकने के लिए जिस तरह से भाजपाई स्पीकर ने मामले को दबाने की कोशिश की गई, कहाँ गई उत्तराखंड की अस्मिता? कैसे आप किसी के लिए इस तरह की टिप्पणी कैसे कर सकते है?
हरीश रावत ने साफ कहा, किसी के लिए भी ऐसी बात की गई होती तो मैं ऐसे ही खड़ा होता। उत्तराखंड ने सही तरीके से इस मामले में अपनी प्रतिक्रिया दी।
अब कही कांग्रेस को इसका फायदा ना मिल जाए। इसलिए तमाम प्रपंच रचे जा रहें है। मुस्लिम वाद का आप क्या सिद्ध करना चाहते हो। 10 साल से इतनी परेशानी है तुम तो एक बांग्लादेशी नहीं भेज पाए, एक रोहिंगिया नहीं भेज पाए।
कांग्रेस के समय में 24 हजार बांग्लादेशी डिपोर्ट किए गए थे। ये सब बीजेपी प्रचार तंत्र और झूठ की राजनीति कर रही है। इसके पर्दाफाश का समय आ गया है और उत्तराखंड की धरती से ही इसका पर्दाफाश होगा और मैं करूँगा।