सर्वसमाज की महापंचायत में जाने की हठ कई व्यक्तियों को पड़ी भारी, पुलिस ने भांजी लाठियां। देखें….
रिपोर्ट- अमित भट्ट
देहरादून। खानपुर विधायक उमेश कुमार के समर्थन में सर्वसमाज की महापंचायत में जाने की हठ कई व्यक्तियों को भारी पड़ गई। जगह – जगह किए गए पथराव के बीच पुलिस ने लाठियां भांजी। इसी दौरान एक एक्सयूवी कार में सफर कर रहे व्यक्ति को भी पुलिस ने रोकने का प्रयास किया।
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उसने खुद को नेता बताया तो पुलिस और नाराज हो गई। पुलिस ने यह पूछते हुए खूब लठ बरसाए कि नेता है तू? लठ पड़ने के बाद नेताजी ऐसे भाग खड़े हुए कि दोबारा कार में बैठना ही भूल गए। इस घटना का वीडियो जमकर वायरल हो रहा है।
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उधर, सर्वसमाज की महापंचायत को रोकने के लिए पुलिस चप्पे-चप्पे पर तैनात पुलिस और खानपुर विधायक उमेश समर्थकों के बीच जगह जगह झड़प होती रही। इस दौरान भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने लोगों पर लाठी भांज दी।
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कहा जा रहा है कि भीड़ में से पत्थरबाजी किए जाने पर ऐसा किया गया है। दूसरी तरफ यह बात भी सामने आ रही है कि आसपास के कई लोगों ने भीड़ के साथ ही पुलिस पर भी पथराव किया है।
हालांकि, कुछ वीडियो में यह कहते हुए भी सुनाई दे रहा है कि उमेश के लोग पथराव कर रहे हैं। खैर, पुलिस पत्थरबाजों की पहचान में जुट गई है और प्रकरण में 02 मुकदमे दर्ज किए गए।
बिना अनुमति बैठक बुलाए जाने पर लक्सर कोतवाली में विधायक समेत करीब 250 व्यक्तियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया है, जबकि पथराव के मामले में खानपुर में 150 समर्थकों पर एफआईआर की गई।
दरअसल, हजारों की संख्या में लोग शुक्रवार को खानपुर में प्रस्तावित सर्वसमाज की महापंचायत में भाग लेने जा रहे थे। जबकि, पुलिस ने लोगों को रोकने के लिए विधायक उमेश कुमार के खानपुर कार्यालय की तरफ जाने वाले सभी मार्गों को बैरिकेडिंग लगाकर बंद किया था। इसी रोक और महापंचायत की जिद में उपजी तनातनी के चलते यह सब हुआ।
विधायक उमेश भी महापंचायत में शरीक होने देहरादून से खानपुर जा रहे थे। लेकिन पुलिस ने विधायक को डोईवाला के लच्छीवाला टोल प्लाजा से हिरासत में लिया था।जिसके बाद पुलिस विधायक को डोईवाला कोतवाली ले आई। इस दौरान विधायक उमेश ने महापंचायत में पहुंच रहे लोगों से शांति बनाए रखने की अपील भी की थी।
शुक्रवार के घटनाक्रम से पूर्व चैंपियन के समर्थन में गुर्जर समाज के लोग 29 जनवरी को लक्सर में महापंचायत स्थगित होने के बाद भी लंढौरा के रंग महल पहुंच गए थे। वहां भारी भीड़ जुटी थी, जो उमेश के विरोध में आक्रोशित थी।
अब खानपुर में विधायक के पक्ष में सर्वसमाज की महापंचायत में भारी भीड़ जुटने का अनुमान है। पुलिस इसको लेकर हाईअलर्ट में है। इसी कारण विधायक को बीच रास्ते में ही रोक लिया गया।
दरअसल, उमेश और चैंपियन के बीच विवाद तब सतह पर आ गया था, जब 26 जनवरी गणतंत्र दिवस पर चैंपियन दल-बल के साथ खानपुर विधायक के आवास/कैंप कार्यालय पर धमके और कई राउंड की फायरिंग कर दी।
इस दौरान चैंपियन और उनके समर्थकों ने भद्दे शब्दों का भी प्रयोग किया। इस कांड को अंजाम देने के बाद देहरादून लौटते समय नेहरू कालोनी पुलिस ने चैंपियन को गिरफ्तार कर रुड़की पुलिस के सुपुर्द कर दिया था।
दूसरी तरफ गोलीबारी के बाद कैंप कार्यालय पहुंचे विधायक उमेश गुस्से में हाथ मे पिस्टल लिए बाहर निकलते देखे गए, जिन्हें पुलिस और कार्यकर्ताओं ने किसी तरह काबू किया। दोनों घटनाओं के वीडियो भी सोशल मीडिया के तमाम प्लेटफार्म और डिजिटल मीडिया पर खूब वायरल हुए।
तब यह बात भी सामने आई कि चैंपियन ने विधायक उमेश की मां को टारगेट करते हुए भद्दे शब्दों का प्रयोग किया था। जिस पर 25 जनवरी को उमेश अपने कार्यकर्ताओं के साथ चैंपियन के महल पहुंचे थे। यहां उमेश ने चैंपियन को ललकारा और अपना गुस्सा उतारा।
इस घटना का वीडियो भी सामने आया है। लिहाजा, पुलिस ने इस मामले में चैंपियन की पत्नी देवयानी की तहरीर पर न सिर्फ मुकदमा कायम किया, बल्कि 26 जनवरी की ही रात को विधायक उमेश को भी गिरफ्तार कर लिया।
यहां तक भी मामला दोनों तक सीमित था। लेकिन, जब 27 जनवरी को सीजेएम कोर्ट से चैंपियन को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया और उमेश को बेल मिल गई तो चैंपियन समर्थक भड़क उठे। इसी के बाद पहले गुर्जर समाज की एकजुटता और उमेश के विरोध का ज्वार उठा।
जो बुधवार 29 जनवरी को लंढौरा कूच के रूप में सामने आया। इसके बाद अब खानपुर में विधायक उमेश के समर्थन में महापंचायत को लेकर भारी भीड़ जुटना शुरू हुई तो पुलिस-प्रशासन के हाथ पांव सुबह से ही फूलने लगे थे।