दिल्ली हाईकोर्ट के इस आदेश पर सुप्रीम कोर्ट की रोक
देहरादून। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दी है, जिसमें दिल्ली सरकार को आयुष्मान भारत योजना को लागू करने के लिए केंद्र के साथ समझौता ज्ञापन (MoU) साइन करने का निर्देश दिया गया था।
हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को 5 जनवरी तक MoU साइन करने का आदेश दिया था, जिसे दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।
भा.ज.पा. ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा था कि आयुष्मान भारत योजना के लागू न होने के कारण दिल्लीवासियों को स्वास्थ्य सेवाओं पर भारी खर्च उठाना पड़ रहा है।
दिल्ली देश का एकमात्र केंद्रशासित प्रदेश है, जहां यह योजना अब तक लागू नहीं की गई है, और इसके कारण लोग मुफ्त में 5 लाख रुपये तक का इलाज नहीं प्राप्त कर पा रहे हैं।
दिल्ली सरकार की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने हाई कोर्ट के आदेश पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर MoU पर साइन किया गया तो केंद्र को कुल खर्च का 60 फीसदी योगदान देना होगा, जबकि वह योजना के संचालन का खर्चा नहीं उठाएगा।
उन्होंने यह भी दावा किया कि दिल्ली सरकार की मौजूदा स्वास्थ्य योजना आयुष्मान भारत योजना से बड़ी आबादी को कवर करती है।
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के बाद केंद्र को नोटिस जारी किया और हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी। 2017 में दाखिल एक जनहित याचिका पर हाई कोर्ट ने आयुष्मान भारत योजना को लागू न करने पर दिल्ली सरकार को फटकार लगाई थी।
आयुष्मान भारत योजना, जिसे पीएम जन आरोग्य योजना (PM-JAY) भी कहा जाता है, 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लॉन्च की गई थी।
इस योजना के तहत 10 करोड़ परिवारों को जोड़ने का लक्ष्य था और प्रत्येक परिवार को सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में इलाज के लिए सालाना 5 लाख रुपये का कवर मिलता है