चाइनीज मांझे से हो रही मौतों के मामले में उत्तराखंड मानवाधिकार आयोग में जनहित याचिका दायर
- 2017 में NGT ने देशभर में चाइनीज मांझे की बिक्री पर लगाया था प्रतिबन्ध।
- मेहूँवाला देहरादून निवासी सामाजिक कार्यकर्ता मोहम्मद ने दायर की याचिका।
- याचिका में मांझे के कारण हो रही लोगों की निर्दोष मौतों को बताया संविधान के अनुच्छेद 21 का उल्लंघन।
- मानव जीवन के लिए खतरा बन चुका है चाइनीज मांझा। लेकिन फ़िर भी बाजारों, मोहल्लों में खुलेआम बिक रहा है चाइनीज मांझा।
- चाइनीज मांझे से प्रतिवर्ष होती है सैकड़ों लोगों और पक्षियों की मौत।
देहरादून। दिनांक 02 जनवरी 2025 को जनपद हरिद्वार में चाइनीज मांझे की चपेट में आकर 46 वर्षीय युवक अशोक की मौत हो गई थी। इसी मामले को लेकर मेरे द्वारा उत्तराखंड मानव अधिकार आयोग में एक जनहित याचिका दायर की गई है।
जिसमें मैने माननीय आयोग से निवेदन किया है कि दिनांक 3 जनवरी 2024 को विभिन्न दैनिक समाचार पत्रों के माध्यम से जनपद हरिद्वार में चाइनीज मांझे की चपेट में आने से 40 वर्षीय व्यक्ति की मौत का मामला संज्ञान में आया है।
जिसके अंतर्गत कनखल क्षेत्र हरिद्वार में चाइनीज मांझे की चपेट में आने से सांस की नली कटने से 46 वर्षीय अशोक की मौत हो गई।
चूंकि जैसा की विदित है कि चाइनीज मांझे से लोगों के हाथ कटने व गला कटने की अनेक घटनाएं अक्सर देखने को मिलती रहती है। साथ ही इससे काफी अधिक मात्रा में पशु- पक्षियों की भी मौतें होती है।
चाइनीज मांझा लगातार लोगों के जीवन के लिए खतरनाक और जानलेवा साबित हो रहा है। चाइनीज मांझे में उलझने के कारण प्रतिवर्ष सैकड़ो पक्षी तथा राहगीर अपनी जान गंवा देते हैं।
चाइनीस मांझा आज मानव जीवन के लिए एक बड़ा खतरा बन चुका है। क्योंकि चाइनीज मांझे के उपयोग के कारण पशु पक्षी और आम राहगीर आए दिन घायल हो रहे हैं।
इसके अलावा बिजली के तारों में भी चाइनीज मांझे के कारण फॉल्ट की समस्या बढ़ती जा रही है। चाइनीज मांझे से पतंग उड़ाने वाले बच्चों और बड़ों के भी हाथ कटने के मामले सामने आते रहते हैं।
परंतु फिर भी प्रदेश में मुख्य बाजारों से लेकर गली मोहल्लों तक खुले आम चाइनीस मांझा बेचा जा रहा है और प्रशासन इस पर अपनी आंखें मूंदकर बैठा हुआ है। चाइनीज मांझे से दिन प्रतिदिन हो रही अप्रिय घटनाओं के कारण आमजन में भय का माहौल बना हुआ है।
चाइनीज मांझे के कारण हो रही लोगों के निर्दोष मौतें संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत मानव अधिकारों का घोर उल्लंघन है।
क्योंकि अनुच्छेद 21 देश के प्रत्येक नागरिक को जीवन जीने का मौलिक अधिकार प्रदान करता है।
उपरोक्त याचिका में मैने माननीय आयोग से राज्य में चाइनीज मांझे की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने और कठोर कार्यवाही करने की माँग की है।