बड़ी खबर: कस्तूरबा गांधी स्कूल में छात्राओं ने भोजन माता पर लगाया झूठे बर्तन साफ कराने का आरोप। वार्डन बोलीं….

कस्तूरबा गांधी स्कूल में छात्राओं ने भोजन माता पर लगाया झूठे बर्तन साफ कराने का आरोप। वार्डन बोलीं….

रानीमाजरा में बालिकाओं का राजकीय आवासीय छात्रावास है। लेकिन सामने आया कि है कि यहां छात्राओं से पढ़ाई के बजाए किचन में काम लिया जा रहा है। छात्राओं के ऐसे बयान के वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहे हैं।

सरकारी आवासीय विद्यालय में बालिकाओं को वहां रहकर बेहतर शिक्षा हासिल करने के लिए भेजा जाता है, लेकिन कस्तूरबा गांधी रानीमाजरा के आवासीय छात्रावास में छात्राओं से जूठे बर्तन साफ कराए जा रहे हैं।

छात्राओं के यह आरोप सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं, वहीं छात्राओं से किचन में चिकन बनाने का वीडियो भी चर्चा में है।

डीएम के निर्देश पर भोजन माता पर गाज गिर गई और मुख्य शिक्षा अधिकारी की ओर से जांच बैठा दी गई है। रानीमाजरा में बालिकाओं का राजकीय आवासीय छात्रावास है।

इसमें छात्राओं के लिए भोजन माता समेत कई कर्मचारियों की तैनाती की गई है, ताकि छात्राओं को भोजन मिल सके, लेकिन छात्राओं से पढ़ाई के बजाए किचन में काम लिया जा रहा है।

छात्राओं के ऐसे बयान के वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहे हैं, जिसमें बालिकाओं ने किचन में खाना बनवाने और जूठे बर्तन धुलवाने के आरोप लगाए हैं।

वायरल वीडियो का संज्ञान लेते हुए डीएम कर्मेंद्र सिंह ने कार्रवाई के निर्देश दिए। इसके बाद भोजन माता को हटा दिया गया और मुख्य शिक्षा अधिकारी केके गुप्ता की ओर से मामले में जांच बैठा दी गई।

पहले भी वार्डन पर उठ चुके सवाल

बहादराबाद ब्लॉक क्षेत्र में चल रहे आवासीय विद्यालय की व्यवस्थाओं पर पहले भी सवाल उठ चुके हैं। इसमें अलीपुर आवासीय छात्र आवास के तत्कालीन वार्डन और अनुदेशक पर एक विद्यालय की छात्राओं को बिना अनुमति के रोशनाबाद में चल रही खेल प्रतियोगिता में ले जाने के दौरान ऑटो में छेड़छाड़ के आरोप लगे थे, लेकिन कार्रवाई के नाम पर उन्हें प्राथमिक विद्यालय से हटा दिया गया था। वार्डन के पद पर आसीन हैं।

एसडीएम के निर्देश पर छात्रावास में कुकिंग और ब्यूटीशियन का कोर्स चलाया जा रहा है। छात्राएं भोजन बनाने की कभी-कभार सीख लेती हैं, लेकिन जूठे बर्तन साफ करवाने और चिकन बनवाने के आरोप गलत है। वैसे चिकन मेन्यू में शामिल है, लेकिन जिन्हें चिकन खाना होता है, उन्हें ही खिलाया जाता है।-तन्नु चौहान, वार्डन