उत्तराखंड में यहां आसमान में दिखा धूमकेतु। कैमरे में कैद हुआ अद्भुत नजारा
नैनीताल। उत्तराखण्ड के नैनीताल में रोमांचक खगोलीय नजारे को एक एस्ट्रो फोटोग्राफर ने अपने कैमरे में कैद किया है। सोमवार तड़के सवेरे खींची गई फ़ोटो में धूमकेतु C/2023 A3 (Tsuchinshan-ATLAS) नैनीताल के आसमान से गुजरता दिखा।
कुछ समय से खगोलविदों और आकाशीय घटनाओं का शौक रखने वाले इस धूमकेतु पर नजर बनाये हुए थे। एक्सपर्ट्स ने इसे धूमकेतु C/2023 A3 (Tsuchinshan-ATLAS)बताया। कहा गया है कि ये सूर्य के करीब से गुजरने वाला है और यह एक अद्वितीय खगोलीय घटना साबित हो रही है।
इस धूमकेतु की खोज जनवरी 2023 में Tsuchinshan(ज़िज़ियांग वेधशाला, चीन)और ATLAS (Asteroid Terrestrial-impact Last Alert System, हवाई)द्वारा की गई थी। इसकी कक्षा लंबी है और यह सूर्य के चारों ओर घूमेगा। इस वर्ष ही ये धूमकेतु सबसे चमकीले आकाशीय पिंडों में से एक हो सकता है और इसकी चमक लगातार बढ़ रही है।
धूमकेतु के निकटतम दृष्टिकोण की उम्मीद इसी माह में जा रही है। उस समय, यह पृथ्वी और सूर्य के करीब होगा, जिससे इसे नग्न(नेकिड)आंखों से भी देखा जा सकेगा। यह उत्तरी गोलार्ध के आकाश में दिखाई देगा जबकि शुरुआत में पूर्वी आकाश और धीरे-धीरे पश्चिम की ओर बढ़ेगा।
धूमकेतु का सबसे अच्छा नजारा सूर्योदय से पहले या सूर्यास्त के बाद अंधेरे में किया जा सकेगा। इसे नग्न आंखों और छोटी दूरबीन/टैलिस्कोप से भी देखा जा सकता है। इस धूमकेतु को देखने का वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी विशेष महत्व है।
धूमकेतुओं में बर्फ, धूल और गैस होती है, जो सौर मंडल के शुरुआती निर्माण के समय की बची हुई सामग्री है। इससे हमें सौर मंडल के निर्माण के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिल सकती है।
इस धूमकेतु का आगमन न केवल वैज्ञानिकों के लिए बल्कि आम लोगों के लिए भी एक अविस्मरणीय आकाशीय नज़ारा बन सकता है, जो हमें ब्रह्मांड की विशालता और सुंदरता की याद दिलाएगा।
इस बेहतरीन पल को आज सवेरे नैनीताल के एस्ट्रो फोटोग्राफर प्रमोद सिंह खाती(बोलती फ़ोटो)ने अपने कैमरे में कैद किया। उन्होंने बताया कि आगामी 12 अक्टूबर को इस धूमकेतु को आखों से देखे जाने की भी संभावना है।
वर्तमान में धूमकेतु को सूर्योदय से पहले पूर्व दिशा में DSLR या खगोलीय दूरबीन से देखा जा सकता है। धूमकेतु को सूर्यास्त के बाद पश्चिम दिशा में भी देखा जा सकता है।