करोड़ों के साइबर फ्रॉड का खुलासा। मास्टरमाइंड गिरफ्तार
उत्तराखंड। एसटीएफ ने 5 करोड़ रुपये की साइबर निवेश धोखाधड़ी का पर्दाफाश करते हुए गिरोह के सरगना को दिल्ली से गिरफ्तार किया है।
यह गिरोह व्हाट्सएप और सोशल मीडिया पर लिंक भेजकर ऑनलाइन ट्रेडिंग और आईपीओ में निवेश के नाम पर लोगों को अधिक मुनाफे का लालच देता था और विभिन्न खातों में पैसा जमा कराकर धोखाधड़ी करता था।
जांच के दौरान सरगना के यूको बैंक खाते में पिछले 7 महीनों में करीब 2.34 करोड़ रुपये के संदिग्ध लेनदेन का पता चला। शिकायत की शुरुआत नैनीताल निवासी एक व्यक्ति ने अगस्त 2024 में की थी।
जिसने बताया कि जुलाई 2024 में एक व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए उसे ऑनलाइन ट्रेडिंग में निवेश करने के लिए फर्जी गाइडेंस दी गई। इस ग्रुप में जुड़े अन्य लोग मुनाफे के फर्जी स्क्रीनशॉट साझा करते थे, जिससे पीड़ितों को निवेश के लिए प्रेरित किया जाता था।
धोखाधड़ी की गंभीरता को देखते हुए एसटीएफ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नवनीत सिंह ने इस मामले की जांच की जिम्मेदारी साइबर क्राइम के प्रभारी निरीक्षक अरुण कुमार को सौंपी। पुलिस टीम ने बैंक खातों, मोबाइल नंबरों, और व्हाट्सएप लिंक के जरिए गहन छानबीन की।
तकनीकी और डिजिटल सबूत जुटाने के बाद बलबीर सिंह को दिल्ली के साउथ वेस्ट क्षेत्र से गिरफ्तार कर लिया गया। बलबीर के पास से घटना में प्रयुक्त एक मोबाइल फोन, आधार कार्ड, और पैन कार्ड भी बरामद हुए हैं।
पूछताछ के दौरान बलबीर ने कबूल किया कि वह व्हाट्सएप के जरिए ऑनलाइन ट्रेडिंग के नाम पर लोगों को जोड़ता था और उन्हें शॉर्ट-टर्म में ज्यादा मुनाफा कमाने का लालच देकर उनके साथ धोखाधड़ी करता था।
वह फर्जी मुनाफे के स्क्रीनशॉट भेजता था और पीड़ितों को अपने साथ धोखाधड़ी का एहसास भी नहीं होने देता था। प्रारंभिक जांच में खुलासा हुआ कि बलबीर नेगी ने देश के कई राज्यों में कुल 14 साइबर अपराधों को अंजाम दिया है।
इस कार्रवाई में एसएचओ अरुण कुमार, उपनिरीक्षक दिनेश कुमार पंत, अपर उपनिरीक्षक सत्येंद्र गंगोला, हेड कांस्टेबल मनोज कुमार, कांस्टेबल जितेंद्र कुमार, कांस्टेबल मौ. उस्मान और रवि बोरा शामिल रहे।