CM धामी ने लगाई सेंट जोसेफ़स अकादमी की नजूल भूमि वापस लेने के आदेश पर रोक। दिए यह निर्देश
देहरादून। सेंट जोजफ्स एकेडमी को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बड़ी राहत दी है। मुख्यमंत्री धामी ने स्कूल से नजूल भूमि वापस लिए जाने के आदेश पर रोक लगा दी है। साथ ही उन्होंने नजूल (सरकारी) भूमि का नियमानुसार नवीनीकरण किए जाने के निर्देश भी दिए।
हालांकि, स्कूल प्रबंधन को निर्देश दिए कि वह अभिभावकों और अन्य संबंधित वाहनों की पार्किंग सड़क की जगह स्कूल के भीतर कराने की व्यवस्था करें। ताकि सड़क पर जाम की स्थिति पैदा न हो।
बुधवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सेंट जोजफ्स एकेडमी देहरादून के कब्जे वाली नजूल भूमि पर पार्किंग प्रकरण को लेकर सचिव आवास, जिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून तथा एमडीडीए अधिकारियों के साथ सचिवालय में बैठक की। बैठक में निर्णय लिया गया कि सेंट जोसेफ एकेडमी से भूमि वापस नहीं ली जाएगी।
इसके साथ ही मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने निर्देश दिए हैं कि सेंट जोसेफ अकादमी द्वारा विद्यार्थियों एवं अभिभावकों के वाहनों की पार्किंग की व्यवस्था विद्यालय परिसर के भीतर ही की जाएगी, ताकि मुख्य सड़क पर आमजन को ट्रैफिक की समस्या का सामना न करना पड़े।
सीएम के निर्देश के क्रम में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने आवास विभाग को सेंट जोजफ्स एकेडमी के लीज नवीनीकरण ( Renewal ) पर नियमानुसार कार्यवाही के भी निर्देश दिए हैं।
वही, इससे पहले स्कूल प्रशासन तक सकते में आ गया था, जब मंगलवार को जिला प्रशासन की संयुक्त टीम स्कूल परिसर में जमीन नापने पहुंची। यह कार्रवाई सचिव आवास डॉ आर मीनाक्षी सुंदरम के 18 सितंबर के आदेश के क्रम में की गई।
जिसमें भविष्य में सचिवालय के विस्तार/जरूरत और यातायात व्यवस्था के लिए सेंट जोजफ्स एकेडमी (SJA) के कब्जे वाली नजूल भूमि पर पार्किंग व्यवस्था विकसित किए जाने का जिक्र था। ताकि, सड़क पर वाहनों को पार्क करने की प्रवृत्ति को कुछ कम किया जा सके।
व्यापक जनहित में पार्किंग व्यवस्था के लिए जनवरी 2024 में समाप्त हुई सेंट जोजफ्स की लीज अवधि को रिन्यू भी नहीं किया गया था। स्कूल के पास करीब 20 से 21 बीघा नजूल भूमि है। इससे पहले भी वर्ष 2012-13 में ग्लोब चौक के चौड़ीकरण के लिए स्कूल से 3312 वर्गमीटर भूमि वापस लेने की कवायद की गई थी।
तब भी सरकारी मशीनरी का यह प्रयास सफल नहीं हो पाया था। इस बार भी कुछ ऐसी ही कहानी सामने आई है। अब देखने वाली बात यह भी होगी कि सरकार से मिली इतनी बड़ी राहत के बाद भी क्या स्कूल के भीतर पार्किंग संभव हो पाती है।