सस्पेंस ख़त्म। आतिशी होंगी दिल्ली की नई मुख्यमंत्री
नई दिल्ली। मुख्यमंत्री के नाम का सस्पेंस ख़त्म हो गया है। दिल्ली के आम आदमी पार्टी के विधायक दल की हैवीवेट मंत्री आतिशी दिल्ली की नई मुख्यमंत्री होंगी।
वह अरविंद केजरीवाल की जगह दिल्ली सरकार का कार्यभार संभालेंगी। खुद केजरीवाल ने मुख्यमंत्री पद के लिए आतिशी के नाम का प्रस्ताव रखा था।
आतिशी को विधायक दल का नेता चुना गया है। सभी विधायकों ने खड़े होकर इस प्रस्ताव को स्वीकार किया। सूत्रों का कहना है कि दिल्ली सरकार में कोई डिप्टी सीएम नहीं होगा।
आतिशी विधानसभा के विशेष सत्र के दौरान मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। विधानसभा का विशेष सत्र 26 से 27 सितंबर को होगा।
आतिशी दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री बनने जा रही हैं। वे अरविंद केजरीवाल कैबिनेट में सबसे हैवीवेट मंत्री रही हैं, उनका नाम सबसे आगे चल रहा था।
इससे पहले मंगलवार सुबह से AAP संयोजक केजरीवाल के सिविल लाइंस स्थित आवास पर विधायक दल की बैठक बुलाई गई थी। इसमें सर्वसम्मति से नए नेता सदन का चुनाव किया गया। आतिशी पंजाबी राजपूत परिवार से ताल्लुक रखती हैं और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से ग्रैजुएट हैं।
आतिशी साल 2020 के विधानसभा चुनाव में पहली बार विधायक चुनी गईं और 2023 में पहली बार केजरीवाल सरकार में मंत्री बनीं। अब सालभर बाद ही 2024 में वो मुख्यमंत्री बनने जा रही हैं।
इससे पहले वो 2019 में पूर्वी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ी थीं और बीजेपी उम्मीदवार गौतम गंभीर से 4.77 लाख वोटों से हार गई थीं और तीसरे नंबर पर आईं थीं।
कौन हैं आतिशी?
आतिशी साल 2020 में पहली बार कालकाजी विधानसभा क्षेत्र से विधायक बनी थीं। उन्होंने बीजेपी उम्मीदवार धर्मवीर सिंह को 11 हजार 393 वोटों से हराया था।
आतिशी का जन्म 8 जून 1981 को दिल्ली में हुआ था। उनके पिता नाम विजय सिंह दिल्ली यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर रहे है। आतिशी ने स्कूली शिक्षा नई दिल्ली स्प्रिंगडेल स्कूल से की।
उन्होंने सेंट स्टीफंस कॉलेज में हिस्ट्री की पढ़ाई की और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में शेवनिंग स्कॉलरशिप पर मास्टर की डिग्री हासिल की। कुछ साल बाद उन्होंने शैक्षिक अनुसंधान में रोड्स स्कॉलर के रूप में ऑक्सफोर्ड से अपनी दूसरी मास्टर डिग्री हासिल की।
उन्होंने मध्य प्रदेश के एक छोटे से गांव में सात साल बिताए, जहां वो जैविक खेती और प्रगतिशील शिक्षा प्रणालियों से जुड़ीं। उन्होंने वहां कई गैर-लाभकारी संगठनों के साथ काम किया, जहां उनकी पहली बार AAP के कुछ सदस्यों से मुलाकात हुई और वो पार्टी की स्थापना के समय ही शामिल हो गईं।
बता दें कि केजरीवाल को पिछले हफ्ते शराब घोटाले मामले में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली थी। इसके बाद उन्होंने 15 सितंबर को ऐलान किया था कि वह दो दिनों के भीतर मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देंगे।