DBUU में प्रौद्योगिकी पर मंथन हेतु ‘एक्स टेक्निका’ में जुटे विशेषज्ञ

DBUU में प्रौद्योगिकी पर मंथन हेतु ‘एक्स टेक्निका’ में जुटे विशेषज्ञ

  • राष्ट्रीय कार्यशाला में जेनरेटिव एआई पर चर्चा का दौर
  • ‘हैकथॉन’ कोड क्रैकिंग में छात्रों ने मनवाया लोहा

देहरादून। दुनिया को अपनी मुट्ठी में करते आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और सूचना प्रौद्योगिकी में हो रहे लगातार बदलाव पर मंथन करने के उद्देश्य से देवभूमि उत्तराखंड यूनिवर्सिटी में ‘एक्स टेक्निका‘ राष्ट्रीय कार्यशाला की शुरुआत हुई, जिसमें पहले दिन कोड क्रैकिंग की जटिल चुनौतियों का सामना करते हुए छात्रों ने ‘हैकथॉन’ में अपना लोहा मनवाया।

शनिवार को देवभूमि उत्तराखंड यूनिवर्सिटी में दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला ‘एक्स टेक्निका‘ का शुभारंभ हुआ। उद्घाटन अवसर पर कुलपति प्रोफ़ेसर डॉ प्रीति कोठियाल ने वैश्विक रूप में जेनरेटिव एआई के प्रभावी असर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए ‘एक्स टेक्निका’ कार्यशाला के आयोजन को छात्रों के उज्जवल भविष्य के लिए मील का पत्थर बताया।

उन्होंने कहा कि तकनीकी क्षेत्र में छात्रों को एकसाथ लेकर चलने वाले IEEE का स्टूडेंट चैप्टर छात्रों के उज्जवल भविष्य के लिए कारगर है, जिसके ज़रिये छात्र देश दुनिया में तकनीकी पहलुओं पर आधारित कार्यक्रमों का हिस्सा बनकर चुनौतियों से लड़ने के गुर सीख सकते हैं।

इसी कड़ी में जेनरेटिव एआई, ब्लॉक चेन, आईबीएम वॉटसन, आईबीएम स्किलबिल्डर पर हैंड्स ऑन सेशन आयोजित किया गया। वहीं, देव एपैक्स इंडिया के सहयोग से ‘हैकथॉन’ का आयोजन किया गया, जिसमें देशभर के लगभग 300 छात्रों ने हिस्सा लेकर कोड क्रैकिंग की चुनौतियों का सामना किया।

इस दौरान विजेता टीम को 10 हज़ार रुपये और दूसरे स्थान पर क़ाबिज़ टीम को पांच हज़ार रुपये का पुरस्कार प्रदान किया गया। इस दौरान डीन एकेडमिक्स डॉ संदीप शर्मा ने छात्रों का हौसला बढ़ाते हुए लक्ष्य प्राप्ति में ‘हैकथॉन’ जैसी चुनौतियों से निपटने के गुर बताये।

इस दौरान IEEE के हाई इम्पैक्ट टीम सदस्य अभिनव गंभीर और रवि रौतेला ने कहा कि छात्र IEEE का हिस्सा बनकर दुनियाभर के पेशेवरों से जुड़ सकते हैं। साथ ही, विशेष परियोजनाओं, सामाजिक और तकनीकी बैठकों, आउटरीच कार्यक्रम, सम्मेलन और कार्यशालाओं में सम्मिलित होकर दुनिया में अपनी पैठ बना सकते हैं।

वहीं, गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के प्रोफ़ेसर डॉ मयंक अग्रवाल ने ब्लॉकचेन और साइबर सिक्योरिटी पर अपने विचार रखे।

कार्यशाला में आईआईटी मद्रास से डॉ ऑगस्टीन, कॉग्निजेंट से डॉ विवेक कुमार सिंह, बीटीकेआईटी द्वाराहाट से डॉ वरुण और देवभूमि उत्तराखंड विश्वविद्यालय से डॉ संदीप शर्मा छात्रों को बदलती प्रौद्योगिकी से अवगत कराएंगे।

इस मौके पर डीन रीसर्च डॉ नबील अहमद, डायरेक्टर आईक्यूएसी भास्कर प्रताप चौधरी, सीईओ शुभाशीष गोस्वामी, देव एपेक्स इंडिया से रवि, शौर्य और सौरभ उपस्थित थे।