Dr. KKBM सुभारती अस्पताल ने धूमधाम से मनाया 78वां स्वतंत्रता दिवस, किया ध्वजारोहण

Dr. KKBM सुभारती अस्पताल ने धूमधाम से मनाया 78वां स्वतंत्रता दिवस, किया ध्वजारोहण

देहरादून। झाझरा स्थित गौतम बुद्ध चिकित्सा महाविद्यालय एवं डाॅ० KKBM सुभारती अस्पताल में देश का 78वां स्वतंत्रता दिवस प्रार्थना एवं संकल्प दिवस के रूप में मनाया गया। इस अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि HNB उत्तराखण्ड चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो० MLB भट्ट ने ध्वजारोहण किया।

इस अवसर पर सुभारती ग्रुप के संस्थापक डाॅ अतुल कृष्ण ने उपस्थित लोगो को संबोधित कर जय हिन्द से अपना उद्धोधन प्रारंभ किया एवं औपनिवेशिक स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं दी।

उन्होंने कहा, अगर हमे आगे भी स्वतंत्र रहना है तो हमे परतंत्र के कारण को जानना होगा। हम राजनैतिक रुप से कभी एक नहीं रहे पर सांस्कृतिक रुप से भारत सदैव एक रहा।

हमारे देश में विदेशी आक्रमणों का सिलसिला बहुत पुराना है। यहां ‘हुण आए-कुषाण आये’ लेकिन कभी समस्या नहीं हुई। क्योंकि जो विदेशी आए वे हमारे धर्म में बस गये, उन्होंने हमारी संस्कृति को अपना लिया पर समस्या तब पैदा हुई जब ऐसे विदेशी आक्रांत आए जिन्होंने हमें राजनैतिक के साथ-साथ सांस्कृतिक रुप से भी परतंत्र किया।

ये सांस्कृतिक परतंत्रता हमे आजादी प्राप्त करने की इच्छा को ही समाप्त कर देते है। इसलिए महत्वपूर्ण है, हमारी वह गुलामी जो हमे विरासत में मिली उस से हम आजाद हों।

उन्होंने 711 ई० मु० कासिम से लेकर अग्रेजों तक गद्दारो की चर्चा करते हुए बहुत खूबी से मुगल एवं मार्डन इतिहस को बताया।

उन्होंने कहा प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की शुरुआत मेरठ से हुई, लाल बाल पाल ने आजादी लड़ी उन्होंने कहां गांधी जी ने असहयोग आंदोलन ,नमक आंदोलन एवं भारत छोड़ो आंदोलन के माध्यम से जन जन तक आजादी को पहुंचाया पर 1942 ई० में अंग्रेजो ने भारत छोड़ो आंदोलन को दबा दिया, तब सुभाष चन्द्र बोस की आजाद हिन्द फौज ने आजादी की लड़ाई कायम रखी।

इसे देख भारत की फौज में आजादी की कामना जागी. अग्रेजो के एक सर्वे के अनुसार 80 प्रतिशत फौजी विद्रोही हो चुके थे और उनके पास सिवाय देश को आजाद करने के और कोई विकल्प नही था, पर जाते-जाते वे दो औपनिवेशिक राज्य की घोषणा कर गये।

मुख्य अतिथि ने अपने संबोधन में कहा, आज भारत के 78वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर आप सभी लोगो को शुभकामनाए देता हूँ। जैसा कि अध्यक्ष महोदय ने जयहिन्द से अपना भाषण प्रारम्भ किया। मैं भी जयहिन्द का सम्मान करते हुए कहूंगा कि आप लोग भी हमारे साथ जयहिन्द बोले। उन्होंने कहा हम आज के दिन को इस विश्वविद्यालय मे प्रार्थना दिवस एवं संकल्प दिवस के रुप में मनाते है।

उन्होंने कहा कि 1947 में केवल हमे सत्ता का स्थानांतरण ही हुआ था। क्योंकि भारत की सांस्कृतिक ,सामाजिक एवं आर्थिक आजादी तो हुई नही। उन्होंने कहा कि हमारी सांस्कृतिक आजादी आज भी नही हुई है, अंग्रेज तो छोड़ कर चले गये पर हम लोग उनकी मानसिकता को नही छोडे।

हमे इस बात पर गर्व करना चाहिए कि हमारी संस्कृति विश्व में सर्वश्रेष्ठ है। सर्वश्रेष्ठ केवल संस्कृति ही नही हमारा इतिहास भूगोल हमारी जीवन शैली यहा तक कि ज्ञान की परंपरा भी विश्व में सर्वश्रेष्ठ थी है और भविष्य में रहेगी। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति माननीय डाॅ० राजेश मिश्रा ने भी अपने विचार रखें। कार्यक्रम का संचालन डाॅ० रुपा हंसपाल ने किया.

इस अवसर पर MTV बुद्धिस्ट रिलिजियस एवं चैरिटेबल ट्रस्ट के निदेशक डाॅ० (ब्रिग) वी.पी. सिंह एवं सहायक निदेशक अमित जोशी, प्रति-कुलपति डाॅ डी. राय, जीबीसीएम के प्राचार्य डाॅ देश दीपक, कुलसचिव, डाॅ राहुल शुक्ला, डाॅ लोकेश त्यागी, डाॅ प्रशांत कुमार भटनागर, डाॅ रविन्द्र प्रताप यादव सहित रास बिहारी बोस सुभारती विश्वविद्यालय एवं बीहाइव काॅलेज के सभी टीचिंग एवं नाॅन टीचिंग और अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।

कार्यक्रम के अंत में मुख्य अतिथियों द्वारा भारतमाता एवं सुभाष चन्द्र बोस के चित्र पर पुष्प अर्पित किये गए।