दून में तिब्बतन फाउंडेशन की 70 बीघा जमीन पर होगा प्रशासन का कब्जा
देहरादून। क्लेमेनटाउन स्थित दोखम तिब्बतन फाउंडेशन सोसायटी की 70 बीघा भूमि कुर्क की जाएगी। इस पर जिला प्रशासन सरकार के पक्ष में कब्जा प्राप्त करेगा। यह आदेश द्वितीय अपर जिला न्यायाधीश महेश चंद्र कौशिवा की अदालत ने दिए हैं।
दरअसल, सोसाइटी के महासचिव ने इस जमीन को नियमों को ताक पर 03 व्यक्तियों को बेच दिया था, जबकि जमीन बेचने के लिए रजिस्ट्रार चिट्स फंड एंड सोसायटी की अनुमति लेनी आवश्यक थी। खरीदार की सिविल याचिका की सुनवाई के बाद अपर जिला जज ने जिलाधिकारी को आदेश जारी किए।
न्यायालय से मिली जानकारी के अनुसार दोखम तिब्बतन फाउंडेशन सोसाइटी की क्लेमेनटाउन में 02 जमीनें हैं। इनमें एक 25 बीघा और दूसरी 45 बीघा है।
इस सोसाइटी के महासचिव ओगियान डोरजी ने वर्ष 2021 में 26 हजार रुपये प्रति बीघा की दर से इस जमीन को एससी माथुर, शोभित माथुर और शिवांग माथुर को बेच दिया था। हालांकि, तकनीकी पेच के कारण वह इस जमीन पर काबिज नहीं हो पाए।
इस पर एससी माथुर की ओर से वर्ष 2022 में फाउंडेशन के खिलाफ एक याचिका में कोर्ट में दाखिल की गई। न्यायालय ने सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता से इस जमीन के सारे दस्तावेज मांगे।
सोसाइटी ने महासचिव को इस जमीन को बेचने के लिए अधिकृत किया था या नहीं इस संबंध में भी याचिकाकर्ता से जवाब मांगा गया। लेकिन, वह इस संबंध में दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर पाए। यह जमीन सोसाइटी की है।
लिहाजा, इसे बेचने के लिए रजिस्ट्रार चिट्स फंड एंड सोसाइटी की अनुमति लेनी आवश्यक होती है। इसके साथ ही जिसने जमीन की रजिस्ट्री की है, उसे सोसाइटी बकायदा अधिकृत भी करती है।
इस पर न्यायालय ने जिलाधिकारी से संबंध में जांच कराने के आदेश दिए। जिलाधिकारी की ओर से एसडीएम सदर और जिला सहायता एवं पुनर्वास अधिकारी से जांच कराई।
जिला सहायता एवं पुनर्वास अधिकारी प्रत्यूष सिंह की ओर से गत 06 जून को इस संबंध में रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल की गई। जिसमें बताया गया कि सोसाइटी के महासचिव ओगियन डोरजी ने रजिस्ट्रार से इस संबंध में कोई अनुमति ही नहीं ली। न ही उन्हें इस जमीन को बेचने के लिए अधिकृत किया गया।
इस तरह कोर्ट ने इस सौदे को अवैध करार दिया। कोर्ट ने शुक्रवार को सोसाइटी की 70 बीघा जमीन को सरकार के पक्ष में कुर्क करने के आदेश जिलाधिकारी को जारी कर दिए।