अयोध्या में 12 हफ्ते की गर्भवती निकली 12 वर्षीय नाबालिग
अयोध्या। दुष्कर्म का दर्द झेल रही बच्ची अभी कई और दर्द झेल रही है। 12 वर्ष की उम्र में ही उसके गर्भ में 12 हफ्ते का भ्रूण पल रहा है। उसका प्रसव हो या गर्भपात, दोनों स्थितियों में उसे दर्द का सामना करना ही पड़ेगा।
बच्ची की जान बचाने के लिए चिकित्सक भी तरकीबें खोज रहे हैं। फिलहाल बाल कल्याण समिति व परिजनों की सहमति का इंतजार कर रहे हैं। प्रक्रियाओं पर गौर करके चिकित्सकों की भी रूह कांप रही है।
बता दें कि, हैवानों ने 12 वर्ष की बच्ची को हवस का शिकार बनाकर उसकी मासूमियत का गला घोंट दिया। दरिंदों ने उसके दर्द को कई गुना बढ़ा दिया। शारीरिक बदलावों के साथ खेलने-कूदने की उम्र में ही वह गर्भवती हो गई है।
अभी वह शारीरिक और मानसिक रूप से इसके लिए सक्षम नहीं है। इसके जोखिमों व जटिलताओं से भी वह अनजान है। किसी तरह उसका प्रसव या गर्भपात करा भी दिया गया तो भविष्य में भी वह तमाम परेशानियों से जूझेगी।
सहमति के आधार पर होगा प्रसव या गर्भपात
अभी बच्ची की उम्र प्रसव योग्य नहीं है। 24 हफ्ते तक गर्भपात हो सकता है। सामान्य प्रसव के जरिए भ्रूण निकालने की कोशिश की जाएगी।
लेकिन दोनों परिस्थितियों में बाल कल्याण समिति और परिजनों की सहमति जरूरी है। यह बहुत ही जोखिमपूर्ण है। -डॉ. आशाराम, अधीक्षक, जिला महिला अस्पताल
टीन एज की प्रेग्नेंसी ही घातक होती है। इस बच्ची की उम्र तो 12 साल ही है। अभी उसके शरीर में तमाम बदलाव हो रहे होंगे। इस उम्र में गर्भ भी ठहरना ठीक नहीं होता। हालांकि प्रेग्नेंसी कंटीन्यू करना और भी घातक हो सकता है।
लेकिन गर्भपात के दौरान भी जोखिम कम नहीं है। गर्भाश्य में छेद होने, अधिक रक्तस्राव होने के साथ असहनीय दर्द भी होगा। इस उम्र में बच्ची के लिए वह दर्द सहन करना भी कठिन हैं। – डा. शालिनी चौहान, वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ