दून के सुखम अस्पताल में आयुर्वेदिक चाइल्ड स्पेशलिस्ट की सुविधा प्रारंभ। स्त्रीरोग संबंधी इन बीमारियों का भी होगा इलाज
देहरादून। बच्चों के स्वास्थ्य के लिए आयुर्वेद काफी बेहतर उपचार है, क्योंकि आयुर्वेद बिना किसी साइड इफेक्ट के आपके बच्चे को स्वस्थ रखता है। आयुर्वेद में हर बीमारी का इलाज है।
आज दून में में हरिद्वार बायपास रोड पर स्तिथ सुखम आयुर्वेदिक अस्पताल में एक पत्रकार वार्ता का आयोजन किया गया, जिसमें अस्पताल के संचालक वैद्य ऋजु कुमार ने बताया कि, देहरादून में सुखम हॉस्पिटल पहला ऐसा अस्पताल है, जिसमें आयुर्वेदिक चाइल्ड स्पेशलिस्ट की सुविधा प्रारंभ हो रही है।
आयुर्वेदिक नवजात शिशु एवं बाल रोग विशेषज्ञ डॉ नीरज श्रीवास्तव शाम की ओपीडी में अपनी सेवाएं देंगे। डॉ नीरज श्रीवास्तव ने BAMS बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (BHU) से कंप्लीट किया है, MD & PhD (Ayurvedic Pediatrics) तथा सीनियर रेजिडेंसी (Ayurvedic Pediatrics) भी बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (BHU) से कंप्लीट किया है।
वहीं डॉ श्रीवास्तव ने बताया कि, बालकों में होने वाले कई रोगों का इलाज आयुर्वेद के द्वारा बिना किसी साइड इफेक्ट के संभव है। जहां एलोपैथिक मेडिसिन बच्चों के लीवर और किडनी पर साइड इफेक्ट डालते हैं। वहीं हम आयुर्वेद में हर्बल मेडिसिंस तथा पंचकर्म के द्वारा अधिकतर रोगों को बिना साइड इफेक्ट के उपचार ले सकते हैं।
अस्पताल में बालकों से संबंधी इन बीमारियों का होगा इलाज
- न्यूरोलॉजिकल बीमारियां जैसे सेरेब्रल पाल्सी, ADHD, ऑटिज्म, बेड वेटिंग इत्यादि।
- त्वचा से संबंधित बीमारी जैसे विटिलिगो, स्किन एलर्जी, फंगल इन्फेक्शन, शरीर पर दाने इत्यादि।
- एंडोक्राइन डिसऑर्डर जैसे टाइप 1 डायबिटीज, हाइपोथायरायडिज्म, मोटापा इत्यादि।
- सांस से संबंधित बीमारी जैसे निमोनिया, अस्थमा, सर्दी, खांसी, एलर्जी इत्यादि।
- पेट से संबंधित बीमारी जैसे डायरिया, भूख कम लगना, बार-बार पेट में दर्द होना, खाने का सही से पाचन ना होना इत्यादि।
- बच्चों में किडनी से संबंधित बीमारियां जैसे नेफ्रोटिक सिंड्रोम, UTI, नेफ्राइटिस इत्यादि का इलाज 7. महीने में हर पुष्य नक्षत्र पर बच्चों का स्वर्ण प्रासन कराया जाएगा, जो आयुर्वेद के अनुसार बच्चों में प्रतिरोधक क्षमता, मेमोरी तथा पाचनतंत्र को विकसित करता है।
- अन्य बीमारियां जैसे जुवेनाइल अर्थराइटिस, पढ़ाई में कमजोर होना, एनीमिया, जौंडिस कंप्यूटर विजन सिंड्रोम, वजन व लंबाई का उचित रूप से न बढ़ना इत्यादि का आयुर्वेदिक इलाज लिया जा सकता है।
आयुर्वेदिक स्त्री रोग विशेषज्ञ की भी मिलेंगी सेवाएं
सुखम हॉस्पिटल के संचालक डॉ. रिजु कुमार ने बताया कि, सुखम हॉस्पिटल में आयुर्वेदिक स्त्री योग विशेषज्ञ भी अपनी सेवाएं देगी। देहरादून में सुखम हॉस्पिटल पहला ऐसा अस्पताल है, जहां पर यह सुविधा दी जाएगी।
स्त्रीरोग संबंधी इन बीमारियों का होगा इलाज
- PCOD (पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम): आयुर्वेदिक उपचार हार्मोन संतुलन, वजन प्रबंधन और तनाव कम करता है।
- बांझपनः प्रजनन क्षमता बढ़ाने के लिए जड़ी-बूटियों, आहार और जीवनशैली में बदलाव कर इलाज किया जाता है।
- मासिक धर्म संबंधी विकारः आयुर्वेदिक इलाज के जरिए अनियमित मासिक धर्म, भारी रक्तस्राव और दर्दनाक मासिक धर्म आदि समस्या का समाधान किया जाता है।
- एंडोमेट्रियोसिसः आयुर्वेदिक में सूजन को कम करना, हार्मोन को संतुलित करना और समग्र प्रजनन स्वास्थ्य में सुधार करना शामिल है।
- फाइब्रॉएडः ट्यूमर के आकार को कम करना, लक्षणों को कम करना और गर्भाशय के समग्र स्वास्थ्य में सुधार करना है।
- ल्यूकोरियाः श्वेत प्रदर के समाधान के लिए हर्बल इलाज और आहार परिवर्तन के जरिए उपचार किया जाता है।
- वैजिनाइटिसः आयुर्वेदिक इलाज के जरिए सूजन, खुजली और संक्रमण को कम किया जाता है।
- गर्भाशय ग्रीवाशोथः आयुर्वेदिक में सूजन को क्रम करना और गर्भाशय ग्रीवा के स्वास्थ्य में सुधार करना शामिल है।
- प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम (पीएमएस): आयुर्वेदिक उपचार में मूड स्विंग, सूजन जैसे लक्षणों को कम किया जाता है।
- रजोनिवृत्तिः रात को पसीना और मूड में बदलाव जैसे लक्षणों को कम करने का उपचार किया जाता है।