UKSSSC ने इस मामले में स्पष्ट की स्तिथि। कहा लोगों का दावा झूठा, पढ़ें….
देहरादून। आयोग के संज्ञान में आया है कि कुछ व्यक्तियों द्वारा दावा किया जा रहा है कि आयोग द्वारा आयोजित राज्य/जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्यों की परीक्षा में गड़बड़ियां परिलक्षित हुई है। उक्त के क्रम में आयोग स्पष्ट करना चाहता है कि-
1. आयोग द्वारा राज्य/जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्यों की लिखित परीक्षा दिनांक 06 07 अप्रैल, 2024 को दो पालियों में सम्पन्न करायी गई।
2. प्रथम पाली में आयोजित की गई ओ.एम.आर. आधारित वस्तुनिष्ठ परीक्षा की जांघ परीक्षा के दिन ही आयोग कार्यालय में सम्पन्न की गई।
3. व्यक्तिपरक द्वितीय प्रश्न पत्र की जांच आयोग कार्यालय में उच्च कोटि के अनुभवी विशेषज्ञी से सम्पन्न करायी गई।
4. वस्तुनिष्ठ एवं व्यक्तिपरक परीक्षा के आधार पर आयोग द्वारा अभ्यर्थियों की लिखित परीक्षा का औपबंधिक श्रेष्ठता सूची दिनांक 13 मई, 2024 को बसाईट पर प्रकाशित की गई। यह श्रेष्ठता सूची आयोग द्वारा खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग को उपलब्ध करायी गई।
5. विभाग द्वारा उपभोक्ता मामले खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय की अधिसूचना संख्या-348 दिनांक 15 जुलाई, 2020 में दी गई चयन समिति जिसके अध्यक्ष उच्च न्यायालय के न्यायाधीश अथवा उनके द्वारा नाम विर्देशित उच्च न्यायालय कोई अन्य न्यायाधीश तथा राज्य सरकार के उपभीकता मामले के प्रभारी सचिव एवं मुख्य सचिव के नामित सदस्य द्वारा दिनांक 25 से 20 जून, 2024 तक चयनित अभ्यर्थियों का साथात्कार सम्पन्न कराया गया।
6. उपरोक्त सम्पूर्ण प्रक्रिया आयोग द्वारा चेहरारहित प्रणाली का उपयोग करते हुए कोडिंग, डीकोडिंग फार्मूला के आधार पर करायी गई, जिसके तहत लिखित एवं साक्षात्कार दोनों ही परीक्षा में अभ्यर्थियों का परीक्षण करने वाले विशेषज्ञों से अभ्यर्थियों की पहचान में पूर्णतः गोपनीयता बरती गई। चयन समिति एवं विभाग द्वारा साक्षात्कार के लिए अपनी ही प्रक्रिया अपनाई गई।
उपरोक्त चयन समिति एवं विभाग द्वारा आयोग को उपलब्ध कराये गये साक्षात्कार के प्राप्तांकों के आधार पर आयोग द्वारा अभिलेख सत्यापन के लिए अनन्तिम सूची जारी की गई।
उपरोका व्यक्तियों द्वारा अभिलेख सत्यापन के लिए जारी की गई अनन्तिम सूची में सदस्य जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग में 4 पदों के सापेक्ष ३ अभ्यर्थियों को बुलाने पर भी प्रश्नचिन्ह लगाया गया है।
आयोग रपष्ट करना चाहता है कि उका अभार्थियों में से 4 अभ्यर्थी ऐसे हैं, जिनका चयन इसी परीक्षा परिणाम में अन्य पदों पर भी हुजा है। स्वाभाविक है कि उपरोक्त अभ्यर्थी अनितम धयन के पश्चात् किसी एक ही पद का बयन करेंगे, उस स्थिति में 4 अतिरिक्त अभार्थियों को न बुलाये जाने की दशा में पद खाली रह जाते।
चूँकि आयोग को अध्यक्ष राज्य स्तरीय उपभोक्ता विवाद प्रतितीष आयोग के पद पर कोई योग्य अभ्यर्थी नहीं मिला. इस तरह आयोग द्वारा 13 रिक्त पदों के सापेक्ष कुल 12 अभ्यर्थियों को ही अभिलेख सत्यापन के लिए बुलाया गया है। यह भी स्पष्ट करना है कि आयोग द्वारा जारी की गई सूची अनन्तिम सूची है।
अभार्थियों का अन्तिम चयन अभिलेख सत्यापन पर आधारित होगा। यह भी स्पष्ट करना है कि यह परीक्षा आयोग द्वारा माननीय उच्च न्यायालय, नैनीताल के निर्देशों के क्रम में कराई गई तथा आयोग सम्पूर्ण परीक्षा के दौरान परीक्षा से सम्बंधित जानकारियों को माननीय उच्च न्यायालय को अवगत कराते रहा।
आयोग स्पष्ट करना चाहता है कि आयोग द्वारा प्रश्नगत परीक्षा में शुचिता, गोपनीयता निष्पक्षता एवं पारदर्शिता के उच्चतम मागकों को अपनाया है तथा परीक्षा में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी से सम्बंधित कोई भी दावा पूर्ण रूप से भ्रामक एवं तथ्यहीन है।