बिग ब्रेकिंग: उत्तराखंड की दो विधानसभा सीटों पर वोटिंग आज। दांव पर प्रत्याशियों की साख

उत्तराखंड की दो विधानसभा सीटों पर वोटिंग आज। दांव पर प्रत्याशियों की साख

 

देहरादून। उत्तराखंड में आज बद्रीनाथ और मंगलौर विधानसभा सीट पर उपचुनाव को लेकर मत डाले जाएंगे। शांतिपूर्ण और निष्पक्ष मतदान संपन्न कराने को लेकर सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद कर ली गई है।

बद्रीनाथ विधानसभा सीट में 210 पोलिंग स्टेशन और मंगलौर विधानसभा में 132 पोलिंग स्टेशन बनाए गए हैं, जहां पर वोट डाले जाएंगे। मतदान सुबह 8 बजे से शुरू होगा, जो शाम 6 तक चलेगा।

बद्रीनाथ विधानसभा सीट पर क्यों हो रहे उपचुनाव

बता दें कि चमोली जिले की बद्रीनाथ विधानसभा सीट पर उपचुनाव कांग्रेस के विधायक राजेंद्र भंडारी के इस्तीफे और उनके बीजेपी में शामिल होने के बाद कराए जा रहे हैं।

इसी सीट पर कांग्रेस से सीटिंग विधायक रहे राजेंद्र भंडारी अब बीजेपी से चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि, कांग्रेस से वरिष्ठ नेता लखपत बुटोला मैदान में उतरे हैं। ऐसे में बदरीनाथ सीट पर बीजेपी के राजेंद्र भंडारी और कांग्रेस के लखपत बुटोला के बीच टक्कर है।

इसके अलावा निर्दलीय प्रत्याशी के तौर नवल खाली और सैनिक समाज पार्टी से हिम्मत सिंह चुनाव लड़ रहे हैं। आज चारों प्रत्याशियों की किस्मत ईवीएम में कैद हो जाएगी। बद्रीनाथ विधानसभा सीट पर 1,02,145 वोटर हैं, जो इन चार प्रत्याशियों का भाग्य लिखने का काम करेंगे।

वहीं मतदाताओं के स्वागत के लिए 7 मतदान केंद्रों को आदर्श मतदेय स्थल (मॉडल बूथ) बनाया गया है। मॉडल बूथों में महिला, युवा, दिव्यांग मैनेज बूथ और यूनिक बूथ शामिल हैं।

मंगलौर विधानसभा सीट पर उपचुनाव की ये है वजह

वहीं हरिद्वार जिले की मंगलौर विधानसभा सीट की बात करें तो यह सीट बसपा विधायक सरवत करीम अंसारी के निधन से खाली हो गयी थी। इसलिए इस सीट पर अब उपचुनाव हो रहा है।

इस सीट पर बीजेपी के प्रत्याशी करतार सिंह भड़ाना, कांग्रेस के प्रत्याशी काजी निजामुद्दीन और बसपा के प्रत्याशी उबेदुर्रहमान उर्फ मोंटी चुनावी मैदान में हैं। मंगलौर विधानसभा सीट पर 1,19,930 वोटर हैं, जो सियासी मैदान में उतरे इन प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला करेंगे।

खास बात ये है कि मंगलौर विधानसभा सीट बीजेपी एक बार भी जीत हासिल नहीं कर पाई है। लिहाजा, बीजेपी के लिए यह सीट चुनौती बनी हुई है।

वहीं, विपक्ष की बात करें तो साल 2017 में कांग्रेस के उम्मीदवार ने इस सीट पर जीत हासिल की थी, लेकिन 2022 में यह सीट बसपा के झोली में चली गई। अब देखने वाली बात ये होगी कि शह और मात के इस खेल में इस बार जीत का ताज किसके सिर पर सजता है।