प्रदेश के 2617 स्कूलों में शौचालय नहीं। हजारों छात्र-छात्राएं परेशान
देहरादून। तमाम सरकारी प्राथमिक, जूनियर हाईस्कूल और माध्यमिक विद्यालयों में बुनियादी सुविधाएं तक नहीं हैं। जिससे बरसात के इस मौसम में छात्र-छात्राओं को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
प्रदेश के 2617 विद्यालयों में छात्र-छात्राओं के लिए अलग-अलग शौचालय नहीं हैं। जिससे बरसात में हजारों छात्र-छात्राओं की मुश्किलें बढ़ गई हैं। शिक्षा विभाग के मुताबिक कई विद्यालयों में सफाई न होने की वजह से शौचालय बंद हैं।
शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी के मुताबिक बंद शौचालयों को खोले जाने के साथ ही सभी विद्यालयों में शौचालय की व्यवस्था की जाएगी
शिक्षा विभाग की ओर से विद्यालयों को हाईटेक बनाए जाने के दावे किए जाते रहे हैं, लेकिन तमाम सरकारी प्राथमिक, जूनियर हाईस्कूल और माध्यमिक विद्यालयों में बुनियादी सुविधाएं तक नहीं हैं। जिससे बरसात के इस मौसम में छात्र-छात्राओं को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
उत्तरकाशी में 124 विद्यालयों में बालिकाओं के लिए नहीं शौचालय
शिक्षा विभाग की एक रिपोर्ट के मुताबिक 11226 सरकारी प्राथमिक विद्यालयों में से 841 में बालकों एवं 1011 में बालिकाओं के लिए शौचालय नहीं है। इसमें अल्मोड़ा जिले में 141 बालिकाओं के लिए शौचालय नहीं है।
जबकि बागेश्वर जिले में 44, चमोली में 75, चंपावत में 35, देहरादून में 43, हरिद्वार में 12, नैनीताल में 66, पौड़ी में 135, पिथौरागढ़ में 72, रुद्रप्रयाग में 71, टिहरी में 142, ऊधमसिंह नगर में 51 और उत्तरकाशी जिले में 124 विद्यालयों में बालिकाओं के लिए शौचालय नहीं है।
उच्च प्राथमिक विद्यालयों में 213 बालकों और 173 बालिकाओं के लिए शौचालय की व्यवस्था नहीं है। वहीं, माध्यमिक विद्यालयों में 274 विद्यालयों में बालकों और 105 में बालिकाओं के लिए शौचालय न होने से उन्हें बरसात में खासी दिक्कतें उठानी पड़ रही है।
यह हाल तब है जबकि विभाग की ओर से शिक्षा गुणवत्ता में सुधार और बुनियादी सुविधाओं के नाम पर हर साल करोड़ों रुपये खर्च किए जा रहे हैं।
शिक्षा विभाग का कहना है कि बंद शौचालय जल्द खुलवाए जाएंगे। वहीं, जिन विद्यालयों में बालक-बालिकाओं के लिए अलग-अलग शौचालय नहीं हैं। उनमें इसका निर्माण किया जाएगा।
प्रदेश के सभी सरकारी विद्यालयों में बालक-बालिकाओं के लिए अलग-अलग शौचालय बनाए जाएंगे। विभाग की ओर से इस दिशा में काम किया जा रहा है। – बंशीधर तिवारी, शिक्षा महानिदेशक