एक्सक्लूसिव: बारिश ने मचाई तबाही, भट्टाफॉल का रौद्र रूप। नदियां उफान पर, स्टेट हाईवे समेत 96 मार्ग बंद

बारिश ने मचाई तबाही, भट्टाफॉल का रौद्र रूप। नदियां उफान पर, स्टेट हाईवे समेत 96 मार्ग बंद

देहरादून। मूसलाधार बारिश से मसूरी शहर में जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया। बारिश के बाद भट्टाफाॅल उफान पर आ गया और अपने रौद्र रूप में दिखाई दिया। इससे आसपास की 10 दुकानों में पानी के साथ मलबा घुस गया। एक लॉकर दुकान को नुकसान हुआ है।

   

मंगलवार को मसूरी में हुई भारी बारिश के चलते भट्टाफाॅल पूरी तरह से उफान पर रहा। इससे आसपास के क्षेत्र में अफरातफरी का माहौल हो गया। भट्टा-क्यारकुली की प्रधान कौशल्या रावत ने बताया कि मलबा आने से दो दुकानों में अधिक नुकसान हुआ है।

दुकानदार संदीप रावत ने बताया कि दुकानों के बाहर रखे लोहे के बैंच, कुर्सी, मेज सहित अन्य सामान बह गया। तीन कच्ची दुकानें भी पानी के साथ बह गईं।

वहीं, आंकड़ों पर नजर डाले तो अकेले देहरादून शहर में 104.3 एमएम बारिश हुई, जो सामान्य से कई गुना अधिक है। मानसून शुरू होने के चार दिन बाद यह पहला मौका है जब पूरे जिले भर में एक साथ तेज बारिश हुई।

वहीं, प्रदेश के कई हिस्सों में कल भी भारी से भारी बारिश होने के आसार हैं। मौसम विज्ञान केंद्र ने कुमाऊं के कुछ जिलों में भारी बारिश का रेड और गढ़वाल के कुछ जिलों में तेज बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।

नदी नालों का जलस्तर बढ़ा

नैनीताल जिले में बारिश का देर रात से दौर जारी है। पहाड़ी इलाकों में ज्यादा बारिश होने के चलते नदी नालों का जलस्तर भी लगातार बढ़ रहा है। जानलेवा साबित होने वाले बरसाती नालों में भी लगातार पानी का जलस्तर बढ़ रहा है। कोसी नदी का जलस्तर काफी बढ़ गया है।

रात से जारी बारिश के चलते नैनीताल जिले के हल्द्वानी, रामनगर, कालाढूंगी, लालकुआं, कोटाबाग आदि क्षेत्र में जन जीवन अस्तव्यस्त है। नदी नाले उफान पर आ गए हैं।

अल्मोड़ा से बहने वाली कोसी नदी की बात करें तो रामनगर पहुंचते पहुंचते इसका जलस्तर काफी बढ़ गया है। कोसी बैराज में जलस्तर 3000 क्यूसेक तक पहुंच गया है। इस वर्ष कोसी बैराज का सबसे कम जलस्तर 40 क्यूसेक तक रहा है।बरसाती नालों की बात करें तो हर वर्ष जानलेवा साबित होने वाले धनगढ़ी, पानोद, सांवल्दे, ढेला नदी, बेलगढ़ बरसाती नाला, तिलमट बरसाती नाले भी देर रात से उफान पर आ गए। हालांकि अभी इनका जलस्तर कम हो गया है। वहीं प्रशासन द्वारा भी सभी को अलर्ट मोड पर रहने को कहा गया है।

साथ ही प्रशासन द्वारा लोगों से भी अपील की गई है कि नदी नालों के पास न जाएं उनसे दूर रहे। बरसाती नालों में अपने वाहनों को ना डालें। पानी का बहाव कम होने पर ही अपने वाहनों को पार करें।

वहीं प्रसिद्ध गर्जिया देवी मंदिर का ट्रीटमेंट का कार्य भी इसी के चलते बरसात को देखते हुए प्रशासन द्वारा करा लिया गया है। पहले फेस का कार्य पूरा हो चुका है, जिसके चलते बरसात में अब मंदिर के टीले को भी कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा।

बता दें कि पिछले वर्ष भी रामनगर के ढेला नदी में इनोवा कार के बहने से 8 लोगों की मौत हो गयी थी। वही सीतावनी मार्ग पर पड़ने वाले तिलमट मंदिर के पास बरसाती नाले पर भी बस पलट गई थी। उस हादसे में यात्रियों को ग्रामीणों द्वारा बचा लिया गया था।

 

वहीं हर वर्ष जानलेवा साबित होने वाले धनगढ़ी व पनोद नालों पर भी अब तक कई लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। इसमें 2021 से पुल का निर्माण हो रहा है, लेकिन आज तक वह भी पूरा नहीं हो पाया।

पानी में डूबा रेलवे ट्रैक, स्कूल बंद

उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र में पिछले 24 घंटे से हो रही बरसात के चलते जनजीवन अस्तव्यस्त है। जगह-जगह जलभराव और पहाड़ों पर मलबा आने से सड़क मार्ग भी बाधित हुए हैं। भारी बारिश के चलते लालकुआं रेलवे स्टेशन पर असर देखा गया है।

पानी में डूबा लालकुआं रेलवे ट्रैक

काशीपुर-लालकुआं रेलवे ट्रैक लालकुआं रेलवे स्टेशन पर पानी में पूरी तरह से डूब चुका है। स्टेशन और काशीपुर रेलवे ट्रैक पर भारी मात्रा में पानी आने से काशीपुर और बरेली मार्ग पर चलने वाली ट्रेनों का असर पड़ा है।

बताया जा रहा है कि पहाड़ों पर भारी बारिश हो रही है। बरसात के चलते गौला नदी और नंधौर नदियों में भी ज्यादा मात्रा में पानी आया हुआ है।

घरों में घुसा पानी

बताया जा रहा है कि टांडा रेंज के जंगलों में भारी बरसात के चलते जंगल का पानी काशीपुर रेलवे ट्रैक से होते हुए लालकुआं रेलवे स्टेशन परिसर तक पहुंचा है। यही नहीं रेलवे ट्रैक का पानी नगीना कॉलोनी की बस्तियां तक पहुंच गया है।

इसके चलते पानी लोगों के घर में घुस गया है। बताया जा रहा है कि रेलवे ट्रैक पर पानी आने से लालकुआं से चलने वाली कोई ट्रेनों पर इसका असर देखा गया है।

स्कूल बंद हैं

रेलवे ट्रैक पर आए पानी की निकासी के लिए रेलवे के कर्मचारी लगे हुए हैं। रेलवे का अधिकारियों के मुताबिक कुछ देर में पानी कम हो सकता है। इसके बाद ट्रेनों का संचालन हो सकेगा। वहीं बारिश के चलते हल्द्वानी में जगह-जगह जलभराव की स्थिति पैदा हो गई है।

नालियों का पानी सड़कों पर बह रहा है। बारिश के चलते सड़कों पर वाहनों की रफ्तार भी थम गई है। जिला प्रशासन ने बुधवार को नैनीताल जिले के कक्षा 12 तक के सभी स्कूलों को बंद रखने के निर्देश जारी किए हैं।

नैनीताल जिले की 14 सड़कें बंद

 नैनीताल जिले में 1 राजमार्ग और 13 ग्रामीण मार्ग बारिश और भूस्खलन के कारण बंद हैं। काठगोदाम सिमलिया बैंड साननी राजमार्ग बंद पड़ा है। नैनीताल जिले में औसत वर्षा 46.4 mm दर्ज की गई है।

गौला बैराज से 949 क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया जा रहा है। कोसी बैराज से 1270 क्यूसेक पानी डिस्चार्ज हो रहा है। पिथौरागढ़ जिले में धारचूला गुंजी मोटरमार्ग तवाघाट, एलागाड़ और मालघट पर बंद है।

थल नाचनी मोटरमार्ग हरड़िया पर बंद है। बलुवाकोट धारचूला मोटरमार्ग निगालपानी पर बंद है। इन सड़कों को खोलने की कोशिश की जा रही है।

स्टेट हाईवे समेत 96 मार्ग बंद

मौसम विभाग ने हिदायत दी है कि, भूस्खलन की आशंका वाले संवेदनशील क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को सतर्क रहने की आवश्यकता है।

भारी बारिश के बीच मंगलवार को भूस्खलन के कारण मलबा आने से प्रदेश की 96 सड़कें बंद हो गईं। इनमें सबसे अधिक 47 ग्रामीण सड़कें हैं। लोक निर्माण विभाग ने 24 सड़कों को खोल दिया है। अब भी 72 सड़कें बंद हैं और उन्हें खोलने के लिए मशीनरी मौके पर तैनात है।

विभाग के मुताबिक, सभी राष्ट्रीय राजमार्ग खुले हैं। जबकि छह स्टेट हाईवे अब भी बंद पड़े हैं। सोमवार को चार स्टेट हाईवे खोले गए। बारिश के कारण सबसे ज्यादा ग्रामीण सड़कें प्रभावित हुई हैं।

इनमें 61 पीएमजीएसवाई व अन्य ग्रामीण सड़कें बंद थीं, जिनमें से 14 सड़कों को खोला जा चुका है। शेष 47 सड़कें अब भी बंद पड़ी हैं। विभाग के मुख्य अभियंता (नियोजन) ओम प्रकाश के मुताबिक, सड़कों को खोलने के लिए 69 मशीनें तैनात हैं। सभी बंद सड़कों को खोलने के प्रयास किए जा रहे हैं।

नैनीताल समेत पांच जिलों में स्कूल रहे बंद

भारी बारिश के अलर्ट को देखते हुए नैनीताल, बागेश्वर, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़ और चंपावत जिलों में सभी शासकीय, अशासकीय, निजी विद्यालयों और आंगनबाड़ी केंद्र बंद रहे।

बुधवार को भी कुमाऊं में भारी बारिश का रेड अलर्ट
वहीं, प्रदेश के कई हिस्सों में कल भी भारी से भारी बारिश होने के आसार हैं। मौसम विज्ञान केंद्र ने कुमाऊं के कुछ जिलों में भारी बारिश का रेड और गढ़वाल के कुछ जिलों में तेज बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।

केंद्र की ओर से जारी पूर्वानुमान के अनुसार नैनीताल, बागेश्वर, चंपावत, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़ और ऊधमसिंह नगर जिले के कुछ इलाकों में तेज गर्जन के साथ भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है।

जबकि देहरादून समेत पौड़ी, टिहरी और हरिद्वार जिले में कहीं-कहीं बिजली चमकने के साथ तेज बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।

इन सभी जिलों में कई दौर की तेज बारिश होने से जलभराव और भूस्खलन की समस्या हो सकती है। ऐसे में इन इलाकों के लोगों को सतर्क रहने की हिदायत दी गई है।