प्रदेश में भूस्खलन के 132 हॉटस्पॉट अति संवेदनशील। इधर वैकल्पिक मार्ग बहा, उधर गौशाला दबी
धाम में हुई तेज बारिश से अलकनंदा नदी का जलस्तर काफी बढ़ गया, जिससे वैकल्पिक मार्ग नदी में बह गयाअलकनंदा नदी का जलस्तर बढ़ने से बदरीनाथ धाम में मास्टर प्लान के कार्यों के लिए बनाया गया वैकल्पिक मार्ग बह गया है।
जिससे इस क्षेत्र में रिवर फ्रंट का कार्य बंद हो गया है। यहां पर कंपनी की कुछ मशीनें भी फंसी हुई हैं। कार्यदायी संस्था की ओर से यहां पर वैकल्पि मार्ग तैयार किया जा रहा है।बदरीनाथ धाम में मास्टर प्लान के तहत रिवर फ्रंट के कार्य चल रहे हैं।
बामणी गांव के नीचे डंपर और जेसीबी मशीन सहित मजदूरों को कार्यस्थल तक पहुंचाने के लिए कंपनी ने अलकनंदा नदी किनारे वैकल्पिक मार्ग तैयार किया था।
रविवार रात को धाम में हुई तेज बारिश से अलकनंदा नदी का जलस्तर काफी बढ़ गया, जिससे वैकल्पिक मार्ग नदी में बह गया। मार्ग बहने से निर्माण कार्य में लगीं मशीनें भी दूसरी छोर पर फंसी हुई हैं। इससे यहां पर रिवर फ्रंट का कार्य बंद हो गया है। हालांकि दूसरी जगह पर कार्य जारी है।
कार्यदायी संस्था गावर कंपनी के सीनियर मैनेजर रविंद्र सोढ़ी ने बताया कि नदी किनारे जो वैकल्पिक मार्ग बनाया गया था वह बह गया है। दूसरी जगह से वैकल्पिक मार्ग तैयार किया जा रहा है। जिससे यहां पर रिवर फ्रंट का कार्य शुरू किया जा सके।
मलबा आने ने गौशाला दबी
जनपद बागेश्वर, कपकोट के लाहर गांव में मलबा आने से गौशाला दबी, SDRF ने चलाया राहत एवं बचाव अभियान।
दिनाँक 01 जुलाई 2024 को कपकोट के लाहर गांव में अतिवृष्टि से मलबा आने पर भागी चंद्र सिंह S /O कल्याण सिंह की गौशाला मलवे में दब गयी, जिसमें एक भैंस वह एक गाय का बछड़ा दबा है व कुछ खाने का राशन भी मलबे की वजह से खराब हो गया।
उक्त घटना कि सूचना सांय लगभग 06:15 बजे SDM, कपकोट के माध्यम से SDRF को मिलने पर SI संतोष परिहार के हमराह SDRF रेस्क्यू टीम रात में ही मौके के लिए रवाना हो गयी।
घटनास्थल सड़क मार्ग से 03 किमी पैदल दूरी पर था। SDRF टीम द्वारा प्रशासन की टीम के साथ मौके पर पहुँचकर गहन सर्चिंग की गई परन्तु मलबा अधिक होने के कारण पशुओं का कुछ पता नही चल पाया। टीम द्वारा उक्त प्रभावत परिवार को रहने के लिए गांव में किशन सिंह व पुष्कर सिंह के मकान में व्यवस्था की गई।
भूस्खलन के 132 हॉटस्पॉट अति संवेदनशील
यूएसडीएमए के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रशासन आनंद स्वरूप ने सभी जिलों को निर्देश दिए कि सैटेलाइट फोन की नियमित तौर पर टेस्टिंग की जाए ताकि आपदा के समय कोई दिक्कत न आए।
मानसून सीजन में उपाध्यक्ष राज्य सलाहकार समिति विनय रूहेला ने सभी विभागों को अलर्ट मोड में रहने के निर्देश दिए। उन्होंने बैठक में शामिल न होने पर एडीएम ऊधमसिंह नगर से स्पष्टीकरण तलब किया है।
सचिवालय में मानसून सीजन की तैयारियों को लेकर बैठक हुई। बैठक में उपाध्यक्ष विनय रूहेला ने सभी जिलों को मानसून सीजन के दौरान संभावित आपदाओं को लेकर तैयारियों को चाक-चौबंद रखने, जिलों को डॉक्टरों, दवाइयों, फार्मासिस्टों, एंबुलेंस की पर्याप्त व्यवस्था रखने के निर्देश दिए।
कहा कि आपदा से बचाव के लिए आम जनमानस को जागरूक करें। आपदा संबंधी अलर्ट और सूचनाओं का समय पर प्रचार-प्रसार जरूरी है। अलर्ट मिलते ही तुरंत लोगों तक पहुंचना चाहिए ताकि लोग सतर्क हो जाएं।
उन्होंने जिलों के कंट्रोल रूम में नोडल अधिकारियों की तैनाती सुनिश्चित करने, सड़क कनेक्टिविटी बाधित होने पर पैदल मार्गों का निरीक्षण कर व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आपदा मित्रों का आपदा से निपटने में उपयोग बेहतर ढंग से किया जा सकता है।
यूएसडीएमए के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रशासन आनंद स्वरूप ने सभी जिलों को निर्देश दिए कि सैटेलाइट फोन की नियमित तौर पर टेस्टिंग की जाए ताकि आपदा के समय कोई दिक्कत न आए।
अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी क्रियान्वयन राजकुमार नेगी ने यूएसडीएमए की तैयारियों को लेकर प्रस्तुतीकरण दिया। यूएलएमएमसी की डॉ. रुचिका टंडन ने बताया कि प्रदेशभर में 132 भूस्खलन के हॉटस्पाट चिन्हित किए गए हैं, जो बहुत अधिक संवेदनशील हैं।
बैठक में वर्ल्ड बैंक के प्रोजेक्ट यूप्रीपेयर के अतिरिक्त परियोजना निदेशक एसके बिरला ने अपने प्रोजेक्ट के कार्यों पर प्रस्तुतीकरण दिया। बैठक में यूएसडीएमए के विशेषज्ञ डीडी डालाकोटी, तंद्रीला सरकार, डॉ. पूजा राणा, वेदिका पंत, हेमंत बिष्ट, जेसिका टेरोन, मनीष भगत आदि मौजूद थे।