रजिस्ट्री/फर्जीवाड़े में अब 66 नए मुकदमें होंगे दर्ज। SIT ने की संस्तुति
देहरादून। उत्तराखंड के अब तक के सबसे बड़े रजिस्ट्री/फर्जीवाड़े में अभी 66 नए मुकदमे दर्ज होंगे। इसकी संस्तुति स्टांप विभाग की SIT (विशेष जांच दल) ने की है। जनता की ओर से दर्ज कराई गई 250 से अधिक शिकायतों के गहन परीक्षण के बाद यह संस्तुति जारी की गई है।
दूसरी तरफ जुलाई 2023 में सामने आए अरबों रुपए की जमीनों के रजिस्ट्री फर्जीवाड़े में अब तक 13 FIR दर्ज करने के साथ ही 22 आरोपियों को गिरफ्तार भी किया जा चुका है।
जुलाई 2023 में रजिस्ट्री फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए थे। जिसके क्रम में देहरादून के सब रजिस्ट्रार कार्यालय के रिकार्ड रूम और कलेक्ट्रेट के रिकार्ड रूम में पकड़ में आए फर्जीवाड़े पर कार्रवाई करने के लिए पुलिस की SIT गठित की गई थी।
वहीं, फर्जीवाड़े का दायरा कहीं अधिक होने की आशंका को देखते हुए 25 जुलाई 2023 को रिटायर्ड IAS अधिकारी सुरेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में उत्तराखंड शासन ने अलग से भी स्टांप विभाग के अंतर्गत SIT का गठन किया, ताकि जनता भी सीधे शिकायत दर्ज करा सके।
SIT अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह रावत के मुताबिक 250 शिकायतों के गहन परीक्षण के बाद पाया गया कि 66 में एफआइआर दर्ज करने की जरूरत है। लिहाजा, इसकी संस्तुति जारी कर दी गई।
जांच के अधीन दो-तीन प्रकरण ऐसे भी हैं, जिनमें एफआइआर की जरूरत पड़ेगी। इनका भी निस्तारण शीघ्र कर दिया जाएगा। कई शिकायतें ऐसी थीं, जिनमें पाई गई गड़बड़ी को जिला प्रशासन के स्तर से दूर किया जाना था।
लिहाजा, ऐसे मामलों में जिलाधिकारी के माध्यम से संबंधित उपजिलाधिकारियों को भेज दिया गया है। ऐसे मामले भी सामने आए, जिनमें इस स्तर पर किसी कार्रवाई की आवश्यकता नहीं थी। इस तरह के प्रकरणों का बंद कर दिया गया।
शिकायतों की निरंतरता पर 02 बार बढ़ाया जा चुका SIT का कार्यकाल
शासन की SIT का कार्यकाल पहले नवंबर 2023 तक तय किया गया था। निरंतर मिल रही शिकायतों को देखते हुए इसका कार्यकाल पहले मार्च 2024 और अब सितंबर 2024 तक किया गया है। हालांकि, अभी भी शिकायतें मिलने का क्रम जारी है। हालांकि, अब शिकायतें कम ही मिल रही हैं।
SIT जिल्दों का भी कर रही परीक्षण
जिन शिकायतों में एसआइटी को फर्जीवाड़ा मिल रहा है, उन प्रकरणों में सब रजिस्ट्रार कार्यालयों से संबंधित रजिस्ट्री की जिल्द भी मंगाई जा रही है।
जिनका परीक्षण कर तय किया जा रहा है कि रिकार्ड में किसी तरह की छेड़छाड़ की गई है या नहीं। ताकि जिन भी मामलों में एफआइआर की संस्तुति की जाए, उनमें प्रभावी कार्रवाई की जा सके।
यह है रजिस्ट्री फर्जीवाड़ा
जुलाई माह में जिला प्रशासन को इस तरह की जानकारी मिली थी कि देहरादून के सब रजिस्ट्रार कार्यालय के रिकार्ड रूम में बड़े पैमाने में रजिस्ट्रियों में छेड़छाड़ की गई है। प्रदेश के अब तक के सबसे बड़े जमीन फर्जीवाड़े की आशंका व्यक्त की गई तो जिला प्रशासन ने जांच बैठा दी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी इसका संज्ञान लिया। जिसके क्रम में मुकदमे दर्ज होते चले गए और एक-एक आरोपितों को जेल भेजे जाने का क्रम शुरू हो पाया। इसी के साथ यह बात खुलकर बाहर आ गई कि भूमाफिया गिरोह ने बड़े पैमाने पर अरबों रुपये की जमीनों के रिकार्ड बदल दिए हैं।