CBI ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को किया गिरफ्तार
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सीबीआई ने औपचारिक रूप से गिरफ्तार कर लिया है। इससे पहले उन्हें राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया। सीबीआई उन्हें तिहाड़ जेल लेकर आई।
सुनवाई के दौरान सीबीआई केजरीवाल की कस्टडी मांगी है। कोर्ट में सुनीता केजरीवाल भी मौजूद हैं।
केजरीवाल पर आबकारी नीति घोटाले का आरोप है. बता दें कि मंगलवार को आबकारी नीति से जुड़े घोटाला मामले में पूछताछ की और बयान दर्ज किया था। बता दें कि इससे पहले ईडी ने उन्हें गिरफ्तार किया था। केजरीवाल तिहाड़ जेल में बंद हैं।
मंगलवार की देर रात यह दावा किया गया कि सीबीआई ने केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया है। हालांकि, बाद में पता चला कि जांच एजेंसी ने उनसे सिर्फ पूछताछ की और तिहाड़ से वापस लौट गई।
CBI और ED ने दिल्ली शराब नीति मामले में कथित अनियमितताओं को लेकर अगस्त 2022 में केस दर्ज किए थे। ED ने 21 मार्च को शराब नीति मामले में केजरीवाल को उनके घर से गिरफ्तार किया था। उन्हें 1 अप्रैल को तिहाड़ भेजा गया.
केजरीवाल पर है यह आरोप
ईडी और सीबीआई ने केजरीवाल और उनकी आम आदमी पार्टी पर आरोप लगाया है कि दिल्ली आबकारी नीति में हेरफेर करने के लिए साउथ ग्रुप के मेंबर्स से 100 करोड़ रुपए की रिश्वत ली।
आम आदमी पार्टी ने घोटाले के रुपयों का एक हिस्सा 2022 में गोवा विधानसभा चुनावों के दौरान इस्तेमाल किया था। इस तरह आम आदमी पार्टी ने केजरीवाल के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग का अपराध किया।
कौन हैं साउथ ग्रुप के मेंबर्स
हाईकोर्ट के फैसले से AAP असहमत
अरविंद केजरीवाल को ट्रायल कोर्ट से मिली जमानत पर हाईकोर्ट द्वारा रोक लगाने के ऑर्डर पर आम आदमी पार्टी ने अपनी असहमति जताई है। उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट ने तो ट्रायल कोर्ट के ऑर्डर को बिना देखे ही स्टे दे दिया था।
ऑर्डर में साफ लिखा है कि, तथाकथित शराब घोटाले से जोड़ने वाला ईडी के पास कोई भी सबूत नहीं है। आम आदमी पार्टी की लीगल टीम हाईकोर्ट के फैसले पर विचार कर रही है. जो भी जरूरी कदम होगा, हम उठाएंगे।
उन्होंने कहा कि ट्रायल कोर्ट ने साफ तौर पर लिखा है कि ईडी के पास कोई भी सबूत नहीं है, जो सीएम अरविंद केजरीवाल को इस तथाकथित शराब घोटाले से जोड़ता हो। दो साल की जांच के बाद भी एक चवन्नी की रिकवरी नहीं हुई है। यह बात भी ट्रायल कोर्ट के ऑर्डर में बहुत साफ तौर पर लिखी हुई है।
बता दें कि, शराब घोटाले में सीबीआई में सबसे पहले मुकदमा दर्ज किया था। इसमें दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया समेत अन्य को आरोपी बनाया था, उसके कुछ दिन बाद ही सीबीआई ने मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार किया और फिर ईडी ने इस घोटाले से जुड़े मनी लांड्रिंग के मामले में सिसोदिया को आरोपी बनाते हुए उन्हें गिरफ्तार किया था।